Bhopal News: सिपाही की सलामती के पीछे सिस्टम का एक हिस्सा हुआ बेनकाब

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Bhopal News: दो दिनों तक चुप रहे सारे अफसर, अच्छे—बुरे के बीच महकमे का साथ सिपाही के लिए आया काम

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सिपाही योगेश पलान जिसको सांप ने काटा था

भोपाल। यह खबर मध्य प्रदेश सरकार के लिए सबक साबित हो सकती है। यदि गंभीरता से इसके पहलूओं पर सुधार किया जाए तो प्रदेश का बिगड़ा चेहरा सुधर भी सकता है। हालांकि मध्य प्रदेश में जो वित्तीय हालात है उसको देखते फिलहाल इसे दूर की कौड़ी ही कहा जा सकता है। यह मामला शुरु होता है भोपाल के (Bhopal News) कटारा हिल्स के थाने में ​तैनात सिपाही से। उसको सांप ने काट लिया था। यहां से सिस्टम की परतें खुलती गई। सिपाही को विभाग का हर छोटे—बडे अफसर का साथ मिला। लेकिन, इससे पहले उसको पहले दिन करीब तीन घंटे जूझना पड़ा।

क्या हुआ था उस​ दिन

कटारा हिल्स थाने में तैनात नेहरु नगर पुलिस लाइन निवासी योगेश पलान को 19 मई को सांप ने काट लिया था। इससे पहले उन्होंने डायल—100 में रातभर ड्यूटी करने गए थे। उनका बैग लहारपुर पुलिस चौकी में था। बैग उठाते वक्त सांप ने काट लिया था। योगेश पलान काफी सक्रिय सिपाही है। वे पुलिस विभाग में सांप पकड़ने के काफी माहिर व्यक्ति है। योगेश पलान ने कई अफसरों और घरों से सांप पकड़ने में कामयाबी मिली थी। घटना से दो दिन पहले भी कटारा हिल्स की ही एक कॉलोनी में ही एक सांप को पकड़ा था। लेकिन, उस दिन वे सांप की मौजूदगी का अहसास ही कर नहीं पाए। इस बात की जानकारी भोपाल के प्रेस रिपोर्टरों और पुलिस के व्हाट्स एप ग्रुप में एक संदेश वायरल हुआ था। इसी संदेश का पीछा करते हुए हमें यह पूरी कहानी पता चली।

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इसलिए सिस्टम पर सवाल

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एम्स भोपाल—फाइल फोटो

इस कहानी में योगेश पलान तटस्थ नजर आए। उन्होंने कोई भी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे अफसरों से चर्चा कर ले। उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। इसके बाद हमने अपने स्तर पर दो दिनों तक पूरे मामले की पड़ताल की। पहले पता चला था कि योगेश पलान बागसेवनिया थाने में हैं। फिर पता चला कि वे कटारा हिल्स थाने में तैनात है। घटना वाले दिन सिपाही सबसे पहले माउंट अस्पताल गए थे। लेकिन, वहां उन्हें इलाज नहीं मिला। फिर एम्स अस्पताल में कोविड सेंटर बताकर इलाज कराने से इंकार कर दिया। वहां से सिपाही को जेपी अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल ने हमीदिया अस्पताल के लिए रैफर कर दिया।

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विभाग ने की मदद

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पुलिस नियंत्रण कक्ष, भोपाल- फाइल फोटो

इस बात से आहत सिपाही ने अपने संपर्कों से ओजस अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां उसका इलाज हुआ था। इससे पहले यह जानकारी व्हाट्स एप ग्रुप में वायरल हो गई थी। योगेश पलान के बारे में व्हाटस एप ग्रुप में वायरल हुई तो भोपाल आरआई दीपक पाटील ने संपर्क किया। उन्हें ओजस अस्पताल में देखरेख करने के अलावा एक सिपाही को अटेंडर के रुप में तैनात किया। दरअसल, योगेश पलान के घर में पत्नी के अलावा बच्चा है। उनके पिता पुलिस मुख्यालय से सेवानिवृत्त हुए है। भाई एसटीएफ में हवलदार भी है।

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स्वास्थ्य महकमे के बुरे हाल

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मंत्रालय, मध्यप्रदेश

योगेश पलान की घटना से साफ है कि राजधानी (Bhopal News) में स्वास्थ्य महकमे के बहुत बुरे हालात है। कोविड की स्थिति यदि नियंत्रित है तो सिपाही को सरकारी अस्पताल में इलाज मिलना था। लेकिन, ऐसा हुआ ही नहीं। यह बताता है कि अभी भी प्रशासन सुध नहीं ले रहा है। जब सिपाही को इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है तो आम मरीजों के साथ क्या होता होगा। यह जानकारी मिलने के बाद शशांक गर्ग ने भी सिपाही से संपर्क किया। गर्ग ने द क्राइम इंफो को बताया कि हीमोटॉक्सिन के कारण उन्हें एंटी वीनम दिया गया है। इसके अलावा इंडिया कोविड हेल्प ग्रुप से भी सिपाही को मदद करने का भरोसा दिलाया गया। योगेश पलान के परिचित दीपक चतुर्वेदी ने बताया कि फिलहाल वह ठीक है।

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