एनआईए कोर्ट से प्रज्ञा ठाकुर को राहत, चुनाव लड़ने पर नहीं लगाई रोक

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कोर्ट ने कहा निर्वाचन आयोग तय करें कौन चुनाव लड़ सकता हैं

भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर को एनआईए की विशेष अदालत से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी के खिलाफ लगी याचिका को को नकारात्मक बताया है। बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी नंबर 1 है। 9 साल जेल में रहने के बाद स्वास्थ्य कारणों से कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है। ऐसे में याचिकाकर्ता का कहना था कि खराब स्वास्थ्य और आरोपी होने के बावजूद वो चुनाव कैसे लड़ रहीं है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि प्रज्ञा ठाकुर तबियत ठीक न होने का बहाना कर कोर्ट में पेश नहीं होती। लेकिन वे चुनाव प्रचार कर रहीं है, और स्वस्थ दिखाई दे रहीं है। 2008 में हुए मालेगांव बम ब्लास्ट के एक पीड़ित के पिता ने एनआईए कोर्ट में प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने के खिलाफ याचिका दाखिल की है। मंगलवार को प्रज्ञा की पेरवी कर रहे वकील ने न्यायाधीश वीएस वाडलकर के सामने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने पब्लिसिटी स्टंट के लिए याचिका दायर की है। कोर्ट ने कहा किः ‘लोकसभा चुनावों में इस न्यायालय के पास किसी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कोई कानूनी अधिकार नहीं है, यह तय करना के लिए निर्वाचन अधिकारियों का काम हैं। यह अदालत आरोपी नंबर एक को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती है, यह आवेदन नकारात्मक है”।

बाबरी विध्वंस मामले में एफआईआर दर्ज

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प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल ने एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने अयोध्या में विवादित ढ़ांचा तोड़े जाने पर बयान दिया था। कहा था कि- ‘राम मंदिर हम बनाएंगे और भव्य बनाएंगे, हम तोड़ने गये थे ढांचा, मैंने चढ़कर तोड़ा था ढांचा, इस पर मुझे गर्व है। मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी, हमने देश का कलंक मिटाया है।’

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