Bhopal Liquor Smuggling: लॉक डाउन में तस्करों को सप्लाई की छूट, पकड़े जा रहे छोटे लोग

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दर्जनों केस में हजारों लीटर शराब की गई जब्त, कोई भी बड़ा आदमी अब तक नहीं हुआ शिकंजे में

Bhopal Liquor Smuggling
सांकेतिक चित्र

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस की मार का सबसे ज्यादा फायदा नशे के सौदागरों (Bhopal Drug Smuggler) ने उठाया है। इस एक महीने में कोई भी बड़ा तस्कर (Bhopal Liquor Smuggler) या फिर उससे जुड़ा कारोबारी कानून की जद में नहीं आया। नतीजतन, मैदानी अमला उन छोटे लोगों को पकड़कर अपनी पीठ थप—थपा रहा है जो बेरोजगारी (Bhopal Youth Use Casee) के इस दौर में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। सौदागरों से जुड़े माफिया की मिलीभगत से चल रहे इस कारोबार में पिछले एक महीने में करोड़ों रुपए का कारोबार कर लिया गया है। सबसे चौंका देने वाली बात यह है कि इस पूरे खेल में आबकारी (Bhopal Excise Deapartment News) महकमा और उसके सरकारी नुमाइंदे सामने ही नहीं आए। जितनी कार्रवाईयां भी हुई है तो उसमें थाना पुलिस ने ही की है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि इस कठिन दौर में आबकारी महकमे की फिर क्या जिम्मेदारी थी जो उसको निभानी थी।

जानकारी के अनुसार भोपाल पुलिस ने पिछले एक महीने में सैंकड़ों आबकारी एक्ट (Bhopal Liquor Act) के मुकदमे दर्ज किए। लेकिन, यह केवल पुलिस की एफआईआर तक ही सीमित रह गए। किसी भी जांच में पुलिस के किसी भी मामले में जांच आगे ही नहीं बड़ी। शराब तस्कर और पुलिस की मिलीभगत का मामला गांधी नगर थाने से सामने आया था। यहां किशन आसुदानी (Kishan Asudani) की दुकान से माल मारुति कार में भरकर उसका ट्रांसपोर्ट किया जा रहा था। इस मामले में आबकारी विभाग ने दूसरी रिपोर्ट बनाई और पुलिस की एफआईआर अलग कहानी बयां कर रही थी। कोहेफिजा पुलिस ने बोट से शराब लेकर आ रहे व्यक्ति को भी दबोचा था। इसी थाने में नगर निगम की कचरा गाड़ी से शराब बेची जा रही थी। खजूरी सड़क थाना पुलिस ने पुलिस लिखे वाहन से भी हजारों रुपए की शराब बरामद की थी। इन सभी मामलों में कार्रवाई करके पुलिस ने वाहवाही लूट ली जो उसका हक भी था। लेकिन, आबकारी विभाग ने किसी भी मामले में यह पता लगाने की यह जेहमत नहीं की आखिर इन सबके पीछे मास्टर माइंड है। किस शराब ठेकेदार का गोदाम लॉक डाउन में भी खुला है और वह राजधानी में उसकी सप्लाई करा रहा है। आगे की कार्रवाई के सवाल पर आबकारी और पुलिस महकमा खामोश है।

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कहां से जुड़ रहे तार
खबर है कि राजधानी भोपाल में बांटी जा रही अधिकांश शराब सीहोर (Sehore Wine Smugglling Conection) के रास्ते भोपाल में आ रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीहोर के एक शराब ठेकेदार को राजनीतिक संरक्षण (Bhopal Liquor Political Conection) प्राप्त है। उसके ही इशारों में पिछले दिनों आबकारी विभाग के एक विवादित अफसर की भोपाल में तैनाती भी कराई। आबकारी विभाग के इन अफसर के खिलाफ लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू समेत कई अन्य जगह पर पहले से ही शिकायतें चल रही है। खबर है कि उनकी नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेता एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के खास सिपहसलार भी है। इन नेता को प्रदेश के मुख्य नेताओं का संरक्षण भी मिला है। शहर में सोम के अलावा विंध्याचल डिस्टलरी की शराब अकूत मात्रा में आ रही है और बंट रही है। बांटने वाले वे लोग है जो रोजगार छीन जाने के कारण घरों में बैठे है। माफिया ऐसे लोगों का इस्तेमाल करके अपनी तिजोरियों को भर रहे है। आबकारी विभाग बरामद हो रहे माल से बहुत आसानी से यह पता लगा सकता है कि यह चैन किस नेता अथवा माफिया के रास्ते बनी हुई है। लेकिन, आबकारी विभाग के जिम्मेदार अफसर आंखों में पट्टी बांधकर करोड़ों रुपए की राजस्व चोरी के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

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