MP Cop News: डीजीपी की सभी अफसरों को दो टूक, पेडेंसी के लिए कैंपेन चलाए 

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MP Cop News: विजीलेंस से पूरे प्रदेश में तैनात कर्मचारियों और अफसरों का रिकॉर्ड मांगा, तीन दिनों से जारी समीक्षा के बाद राजपत्रित अ​फसरों को समझाईश सुपरविजन सुधारे, सभी तरह के अपराधों में चलेगा हर महीने अभियान, तकनीक के साथ दूसरे राज्यों के ​बेहतर नवाचारों को अपनाने की सलाह

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डीजीपी कैलाश मकवाना विजीलेंस और सीआईडी अफसरों के साथ तीन दिनों तक चल रही समीक्षा बैठक के दौरान चर्चा करते हुए। चित्र पुलिस मुख्यालय जनसंपर्क विभाग की तरफ से जारी।

भोपाल। डीजीपी कैलाश मकवाना ने कुर्सी संभालने के बाद पुलिस मुख्यालय के सभी विभागों की सिलसिलेवार समीक्षा शुरु कर दी है। सबसे पहले उन्होंने विजीलेंस और सीआईडी से रिपोर्ट तलब कर ली। विजीलेंस एमपी पुलिस (MP Cop News) के अफसरों की आय—व्यय संबंधित सभी जानकारियों का संधारण करता है। उन्होंने बैठक में अपना एजेंडा मैदानी अफसरों से साफ कर दिया है। डीजीपी ने कहा है कि पेडेंसी वह चाहे अपराध की हो या फिर गुम व्यक्ति की उसका निपटारा किया जाए। इसके लिए अभियान चलाने के लिए उन्होंने कहा है।

इस कवायद के बेहतर परिणाम जनता को मिलेंगें

पुलिस मुख्यालय (PHQ) में पदस्थ उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो डीजीपी ने कई स्तर पर एक विंडो बना दी है जो समीक्षा करके रिपोर्ट की हकीकत का भी पता लगा रही है। जिस कारण कई लोगों को पसीना भी छूट रहा है। सूत्रों ने बताया कि विजीलेंस की रिपोर्ट से वे असंतुष्ट भी नजर आए। खबर है कि जल्द ही विजीलेंस शाखा में बहुत बड़ा उलटफेर डीजीपी (DGP Kailash Makwana) अपने स्तर पर करने जा रहे हैं। हालांकि इन बातों की बजाय पुलिस मुख्यालय की तरफ से यह बताया गया है कि प्रदेश में शांति एवं कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण एवं पीडि़त पक्ष को तुरंत राहत उपलब्ध  कराने और अपराधियों में कानून का भय स्थापित करने के लिए यह बैठकें चल रही है। इसके अलावा पुलिस व्यवस्था में कसावट लाना इसका मकसद है। डीजीपी 09 दिसंबर से लगातार बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले प्रशासन शाखा से रिपोर्ट ली थी। इसके बाद विशेष शाखा से जानकारी मांगी थी। इसके बाद बुधवार यानि 11 दिसंबर को सीआईडी और सतर्कता एवं तकनीकी सेवा शाखाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने अफसरों से कहा है कि अपराधों की जांच में साइबर फॉरेंसिक, डेटा एनालिटिक्स और GPS तकनीक का उपयोग को बढ़ाया जाए। इसके अलावा थानों में तैनात जांच अधिकारियों को नवीनतम तकनीक के उपयोग के लिए प्रशिक्षण देने के लिए कहा है।

मुझे बेस्ट प्रैक्टिस दिखना चाहिए

मध्यप्रदेश में करीब ढ़ाई सौ से अधिक राजपत्रित पुलिस अधिकारी हैं। यह संगीन मामलों के अलावा थानों के कार्यों का भी सुपरविजन करते हैं। डीजीपी ने अपनी बैठक में साफ कर दिया कि सभी राजपत्रित अधिकारी वह चाहे देहात में हो या फिर शहर में कुर्सी पर बैठा है तो वह अपने कार्य में सुधार लेकर आए। इसके साथ ही समय पर और ट्रांसपैरेंसी के साथ जांच करने के आदेश उन्होंने दिए हैं। उन्होंने कहा कि गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने के लिए सीसीटीवी, डाटाबेस और विभिन्न तकनीकों का प्रयोग किया जाए। इसके अलावा पुलिस विभाग में गुम हो रहे मुखबिर तंत्र को खड़ा करने के लिए बोला गया है। गुमशुदगी के प्रकरणों की प्राथमिकता के आधार पर समाधार करने डीजीपी ने कहा। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की सफल नीतियों और कार्यप्रणालियों का अध्ययन करके Best Practices को प्रदेश में भी लागू करें। इस काम के लिए उन्होंने एक डेडिकेटेड टीम बनाने के लिए बोला है। डीजीपी ने लंबित मामलों के निपटारे के लिए विशेष अभियान चलाने के बोला। त्वरित निराकरण के लिए संबंधित शाखाओं को लंबित मामलों की सूची बनाकर त्वरित कार्रवाई हेतु निर्देशित किये जाने को कहा। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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