MP Scam News: प्रदेश में संचालित एम्बुलेंस सेवा से जुड़ी अशासकीय संस्था के एमडी समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया, भोपाल कोर्ट ने दिए आदेश के बाद एफआईआर दर्ज, एफआईआर में एक बात अभी भी उजागर होना बाकी
भोपाल। मध्यप्रदेश (MP Scam News) सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाने के नाम पर निजीकरण के दरवाजे खोलेे थे। इसमें कई तकनीक के जरिए फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। अब यह सामने आ गया है। घटना भोपाल (Bhopal Job Fraud) शहर के मिसरोद थाना क्षेत्र की है। यहां थाने में आपातकालीन सेवा एम्बुलेंस की सेवा प्रदाता एजेंसी जय अंबे इमरजेंसी सर्विस (Jay Ambey Emergency Service) के खिलाफ जालसाजी और गबन का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह प्रकरण भोपाल कोर्ट के आदेश (Bhopal Court Order) पर दर्ज किया गया है। कंपनी पर आरोप है कि युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर वह रकम ऐंठ रही थी।
कोर्ट ने इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए
मिसरोद थाना पुलिस के अनुसार 18 अगस्त की शाम लगभग सवा पांच बजे प्रकरण 311/24 दर्ज किया गया है। इसमें धारा 406/420/506/34 (गबन, जालसाजी, धमकाना और एक से अधिक आरोपी) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले की शिकायत छिंदवाड़ा (Chhindwara News) जिले के नरसिंहपुरा रोड स्थित बालाजी नगर निवासी महेंद्र सिंघारे (Mahendra Singhare) ने की थी। वह पहले भोपाल में पुलिस अधिकारियों को शिकायत कर चुका था। उसकी शिकायत पर जब सुनवाई नहीं हुई तो वह भोपाल कोर्ट में पहुंचा। घटना दिसंबर, 2021 में शुरु हुई थी। उसने कोर्ट को बताया कि जय अंबे इमरजेंसी सर्विस ने अखबारों में ईएमटी पद (EMT Post Fraud) के लिए विज्ञापन निकाला था। जिसके बाद चयनित युवाओं को मिसरोद स्थित कैपिटल मॉल (Capital Mall) के दफ्तर पर बुलाया गया। यहां युवाओं से साढ़े ग्यारह हजार रुपए की डीडी यह बोलकर जमा कराई गई कि चयन नहीं होने पर वापस किया जाएगा। सिंघारे समेत कई लोगों ने यह डीडी (Bank DD Scam) जमा कराई थी। जिसके बाद उसको दो दिन तक प्रशिक्षण भी कंपनी ने दिया। उसके बाद उसे जॉब पर नहीं रखने का बोलकर निकाल दिया। उसने पैसा मांगा तो कंपनी ने रकम भी नहीं लौटाई थी। वह रकम मांगने जाता तो उसे धमकाकर भगा दिया जाता था। अब अदालत ने जय अंबे इमरेजेंसी सर्विस के एमडी धर्मेंद्र सिंह (Dharmendra Singh), उनके दो भाईयों जोगेंद्र सिंह (Jogendra Singh) और अमरेंद्र सिंह (Amrendra Singh), आपरेशन मैनेजर सुमित (Sumit) और चीफ फायनेंस आफिसर अशोक मेहता (Ahok Mehta) के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए।
यह बोलकर कंपनी की तरफ से की जाएगी बचने की कवायद
मामले की जांच एएसआई जसवंत सिंह चंदेल (ASI Jaswant Singh Chandel) कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अदालत के आदेश पर प्रकरण दर्ज किया गया है। डीपीओ से राय लेने के बाद आगे जांच के बिंदु पुलिस की तरफ से तय किए जाएंगें। इधर, सूत्रों ने बताया कि कंपनी अभी भी पैसा लेकर नौकरी पर रख रही है। ऐसा किया जाना नियमों के खिलाफ है। यह पता चलने के बाद कंपनी ने कुछ साल से पैटर्न बदल दिया है। अब कंपनी मैन पॉवर सप्लाई (Main Power Agencies Fraud) करने वाली एजेंसी को काम देती हैं। यह एजेंसी उनसे कंपनी की निर्धारित रकम के अलावा ज्यादा रकम लेकर भर्ती करती है। जांच में अब मैन पॉवर सप्लाई करने वाली एजेंसी भी जांच की जद में आ सकती है। हालांकि अभी मिसरोद थाने में दर्ज एफआईआर में यह बात साफ नहीं हुई है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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