MP Political News: एमपी में कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था जनसंपर्क विभाग में 131 करोड़ का घोटाला, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया भाजपा में वार तो प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने यह बोलकर चौका दिया
भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल चार महीने बाद मतदान होना है। जिसके लिए भाजपा—कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा सरकार (MP Political news) के खिलाफ घोटालों की चार्जशीट लेकर सामने आए। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कई तरह के घोटाले के आरोप लगाकर सरकार को घेरने का प्रयास किया गया। इसके जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा मुखर होकर सामने आए। उन्होंने दावा किया कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे तब जनसंपर्क विभाग में 131 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ था। यह विभाग मध्यप्रदेश की मीडिया और उसमें काम करने वाले पत्रकारों से जुड़ा है। हालांकि इस घोटाले पर अब तक कोई कार्रवाई सत्तारूढ़ सरकार ने की ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है।
कांग्रेस केे नेता डरे और सहमे हुए हैं
पंद्रह महीनों में 15 हजार करोड़ के घोटाले
विष्णुदत्त शर्मा ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (EX CM Kamalnath) जब मुख्यमंत्री रहे तब उन्होंने 15 महीने की सरकार में लगभग 15 हजार करोड़ के घोटाले किए। कांग्रेस घोटालों की जननी और करप्शन की दुकान है। कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़, निज सचिव आरके मिगलानी और भांजे रतुल पुरी सहित उनके चहेतों के घर और दफ्तरों में छापे की कार्यवाही हुई थी। जिसमें 281 करोड़ रूपए की गडबड़ी पाई गई थी। कमलनाथ के भतीजे की कंपनी पर छापेमारी में 1350 करोड रूपए से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी थी। इतना ही नहीं आगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदी मामले की दलाली में भी कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी का नाम उजागर हुआ है। जिसमें 7 हजार 600 करोड़ और 780 करोड़ के घोटाले सामने आए। प्रदेश के किसानों के साथ कर्जमाफी का छल किया। विधानसभा चुनाव के पहले कर्जमाफी का वादा करते रहे और जब सरकार बनी तो किसान कर्जमाफी के नाम पर 2 हजार करोड़ का घोटाला किया। जिसके परिणामस्वरूप किसानों को कर्जमाफी के बदले डिफाल्टर होना पड़ा। कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों की लिस्ट में फर्जी नाम शामिल कर पैसों की बंदरबाट की। श्री शर्मा ने कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार घोटालों और ट्रांसफर उद्योग की उपलब्धियों से भरी रही। 165 दिनों में ही कमलनाथ सरकार ने 450 से अधिक आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा निचले स्तर तक ट्रांसफर किए। इतना ही नहीं इस ट्रांसफर घोटाले में कई अधिकारियों का 3 से 4 बार ट्रांसफर कर दिया। कमलनाथ सरकार में नया ट्रांसफर उद्योग चला।
कदम—कदम पर एक नया घोटाला किया
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