Bhopal Group Suicide: सामूहिक सुसाइड से पहले परिवार की लास्ट सेल्फी

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Bhopal Group Suicide: दो बार सायबर क्राइम दफ्तर के चक्कर काटे लेकिन नहीं मिले अधिकारी, कोलंबिया की ऑन लाइन कंपनी की डिमांड पूरी करते—करते चार महीने के भीतर में जिंदगी से हारे पति—पत्नी, बच्चों को अकेला छोड़ने की बजाय कोल्ड्रिंक में जहर मिलाकर पिलाया, चार पेज के सुसाइड नोट में लिखी अपनी पूरी पीड़ा, आत्महत्या से पहले बहन को भेजी परिवार की तस्वीर और सुसाइड नोट, राजधानी के सनसनीखेज चार लोगों के सामूहिक आत्महत्या कांड की तह तक की तफ्तीश की पूरी रिपोर्ट…

Bhopal Group Suicide
एम्बुलेंस जिसमें इंसेट में मौजूद चारों शव रीवा ले जाने के लिए रखे हैं। दूसरे चित्र में वह मकान जहां यह सामूहिक आत्महत्या कांड हुआ था।

भोपाल। राजधानी की सुबह एक घटना को सुनकर हक्का—बक्का रह गई। सोशल मीडिया में तस्वीरें वायरल होने लगी। घटना मानव जीवन को पूरी तरह से झंकझोर देने वाली थी। मामला चार लोगों के सामूहिक आत्महत्या कांड से जुड़ा था। जिसमें आठ और तीन साल के मासूम बच्चों को जहर देकर मारा गया था। वहीं एक ही जगह फंदे पर पति—पत्नी के शव लटके हुए थे। यह हृदय विदारक दृश्य भोपाल (Bhopal Group Suicide) शहर के रातीबड़ थाना क्षेत्र का था। इस सामूहिक आत्महत्या कांड से सिस्टम कई खामियां उजागर हो गई है। जनता में भरोसा कायम रहे उसके लिए पुलिस महकमा सक्रिय हो गया है। जबकि उसकी चौखट पर आत्महत्या करने वाले परिवार का मुखिया दो बार दस्तक देने भी गया था। कई बिंदुओं पर जाकर द क्राइम इंफो की टीम ने पड़ताल की। जिसमें बहुत सारे तथ्य हवा में तेर रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस कब तक इन शंकाओं और आशंकाओं को दूर करती है।

कौन है परिवार जानिए उसकी पूरी हकीकत

मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम में तैनात रहे शिव नारायण विश्वकर्मा(Shiv Narayan Vishwakarma)  मूलत: रीवा (Rewa) जिले के अंबाह के रहने वाले हैं। उनके दो बेटे नरेंद्र विश्वकर्मा, भूपेंद्र विश्वकर्मा के अलावा तीन बेटियां रीनू, अबिता और कविता हैं। तीनों शादी के बाद रीवा, मैहर और सतना में रहती है। जबकि बड़ा बेटा नरेंद्र विश्वकर्मा (Narendra Vishwakarma) भोपाल के भीम नगर (Bheem Nagar) इलाके में रहता है। नरेंद्र विश्वकर्मा कारपेंटरी का काम करता है। वहीं दूसरा बेटा भूपेंद्र विश्वकर्मा (Bhupendra Vishwakarma) है जो एमपी नगर में स्थित टाटा एआईजी (TATA AIG) में डाटा एनालिसिस का काम देखता था। भूपेंद्र विश्वकर्मा रातीबड़ (Ratibad) थाना क्षेत्र के शिव विहार (Shiv Vihar) में रहता था। यह मकान उसने 2015 में बनाया था। भूपेंद्र विश्वकर्मा की शादी 2015 में रीतू विश्वकर्मा (Ritu Vishwakarma) के साथ हुई थी। शादी के बाद आठ वर्षीय बड़े बेटे ऋषिराज विश्वकर्मा (Rishiraj Vishwakarma) का जन्म हुआ था। सबसे छोटा बेटा तीन वर्षीय रितुराज (Rituraj) था। दोनों मासूम बेटों को कोल्ड्रिंक में जहर मिलाकर उसके माता—पिता ने हत्या कर दी थी। फिर उसके बाद भूपेंद्र विश्वकर्मा और उसकी पत्नी रीतू विश्वकर्मा ने फांसी लगाई थी।

व्हाट्स एप खोला तो रिश्तेदारों की पैरों तले जमीन खिसक गई

सामूहिक आत्महत्या कांड की यह घटना 12—13 जुलाई की दरमियानी रात हुई थी। जिसकी जानकारी रातीबड़ थाना पुलिस को सुबह छह बजे महेंद्र कुमार विश्वकर्मा (Mahendra Kumar Vishwakarma) ने दी थी। वे रातीबड़ थाना क्षेत्र में स्थित नीलबड़ के नजदीक सरकारी स्कूल के पास बनी कृष्णा पुरी कॉलोनी (Krishna Puri Colony) में रहते हैं। दरअसल, भूपेंद्र यादव ने आत्महत्या (Bhopal Group Suicide) से पूर्व पति—पत्नी और दो बच्चों के हंसती हुई तस्वीर रिश्तेदारों को व्हाट्स एप की थी। तस्वीर के नीचे लिखा था आखिरी सेल्फी। इसके अलावा चार पेज का सुसाइड नोट था। जिसको पढ़ने के बाद हर रिश्तेदार और दोस्त उसके घर पर पहुंचा। देखते ही देखते शिव विहार कॉलोनी में मीडिया से लेकर पुलिस अधिकारियों का आना—जाना शुरू हो गया। रातीबड़ पुलिस मर्ग 37—38—39—40/23 दर्ज कर शव को पीएम के लिए भेज दिया। दोपहर में लगभग दो बजे पीएम के बाद शव महेंद्र कुमार विश्वकर्मा को सौंप दिया गया। परिवार सभी चार शव लेकर रीवा जिले के अंबाह के लिए रवाना हो गया। पुलिस अधिकारियों ने इस सामूहिक आत्महत्या कांड को सुलझाने के लिए तीन अलग—अलग टीमें भी बनाई है। जिसमें सायबर क्राइम के अलावा रातीबड़ थाना पुलिस के अधिकारी शामिल हैं।

सुसाइड पेज में लिखी वह मोटी बातें जिससे परिवार परेशान था

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चित्र में बाएं तरफ बड़ा भाई नरेंद्र विश्वकर्मा वहीं चार पेज का सुसाइड नोट

व्हाट्स एप पर वायरल सुसाइड नोट पुलिस को मिला है। यह किसने लिखा है यह साफ नहीं हैं। लेकिन, उसमें बताया गया है कि कोलंबिया (Colambia) की ऑन लाइन कंपनी  www.casyonline.com के लिए भूपेंद्र यादव के पास ऑफर आया था। यह ऑफर अप्रैल महीने में व्हाट्स एप और टेलीग्राम के जरिए आया था। यह काम उसे पार्ट टाइम में करना था। काफी सोचने के बाद उसने काम शुरू कर दिया। कंपनी से उसे कुछ महीने मुनाफा होता रहा। लेकिन, कुछ समय बाद उसके टारगेट पूरे नहीं हुए। ऐसा न करने की ​दशा में कंपनी को पैसा देना पड़ता था। इस काम में कंपनी भी सहयोग करती थी। वह लोन दिलाने का काम कर देती थी। कंपनी की मदद से लोन लेकर वह रकम चुका देता था। कुछ समय बाद कंपनी के अलावा उसे दूसरी जगहों से भी लोन लेना पड़ा। ऐसा करते—करते भूपेंद्र यादव कर्ज में डूबता चला गया। वह पार्ट टाइम यह काम कर रहा है इसकी जानकारी पत्नी को भी उसने नहीं दी थी। सुसाइड नोट में लिखा है कि पत्नी के टोकने पर वह गलत काम नहीं करने की बात बोलकर उसे टाल देता था। सुसाइड नोट के अनुसार चार साल पहले वह एक कंपनी में काम करता था। वह बंद होने के कारण उसका सिविल भी खराब होने लगा था। उसे बड़ी मुश्किल से एमपी नगर का काम मिला था।

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बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रही थी कंपनी

सुसाइड नोट के अनुसार कंपनी ने उसके मोबाइल का डाटा हैक कर लिया था। उसने भूपेंद्र विश्वकर्मा के बॉस की डीपी में लगी तस्वीर का भी गलत इस्तेमाल किया था। इसके अलावा कंपनी उसे रकम नहीं देने पर रिश्तेदारों और दोस्तों की तस्वीर को अश्लील बनाकर वायरल करने की धमकी दे रही थी। इसी बात की शिकायत करने वह एक बार सायबर क्राइम के दफ्तर में गया। वहां उसे कुर्सी पर कोई अफसर नहीं मिले। इसके बाद वह 12 जुलाई को आखिरी बार फिर सायबर क्राइम के दफ्तर पहुंचा था। सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे लगातार रिकवरी के लिए धमकाया भी जा रहा था। भूपेंद्र विश्वकर्मा को लगा कि इस कंपनी के कारण उसकी मौजूदा कंपनी की जॉब भी चली जाएगी। इन्हीं बातों को लेकर पति—पत्नी परेशान रहने लगे। परिजनों ने कुछ समय मदद भी की थी। लेकिन, भूपेंद्र विश्वकर्मा ने अपने साथ हुए सायबर फ्रॉड (Cyber Fraud) की कोई जानकारी अन्य रिश्तेदारों को नहीं दी थी।

परिजनों को शक गहरी साजिश की आशंका

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बच्चों को कोल्ड्रिंक में जहर देने और फांसी लगाकर आत्महत्या से पूर्व की आखिरी सेल्फी। जिसमें पत्नी रीतु विश्वकर्मा बेहद भावुक भी दिखाई दे रही है।

सुसाइड नोट में चारों का एक साथ अंतिम संस्कार करने की बात लिखी है। परिजनों, दोस्तों से माफी मांगते हुए पीएम न कराने की भी मांग सुसाइड नोट (Bhopal Group Suicide) में थी। बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा ने द क्राइम इंफो को बताया कि उसे इस बात का अहसास नहीं था कि यह हो जाएगा। वहीं रिश्तेदारों ने बताया कि उन्हें एक एडिट किया हुआ वीडियो भी मिला था। जिसमें चारों को सुसाइड करने के लिए उकसाया जा रहा था। वह सुसाइड नोट को भी षडयंत्र मान रहे हैं। उनका कहना है कि जो कंपनी डाटा हैक करके अश्लील वीडियो बना सकता है वह कुछ भी कर सकती है। इधर, पुलिस ने शिव विहार कॉलोनी में स्थित भूपेंद्र विश्वकर्मा के मकान को सीज कर दिया है। वहीं उसके इस्तेमाल किए जाने वाले लैपटॉप, मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जांच के लिए जब्त कर लिया है। पुलिस मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर पूछताछ करने जा रही है। जिसके लिए कई संदेहियों को थाने में तलब किया गया है। पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि कंपनी वाकई कोलंबिया की है या फिर कोई दूसरा नेटवर्क है। जनहित में संदेश: आत्महत्या के विचार आना मानसिक अवसाद के लक्षण है। ऐसी अवस्था में 18005990019 पर संपर्क करें। इस नंबर के जरिए निशुल्क चिकित्सीय परामर्श में सहयोग किया जाता है। 

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