MP Drug Mafia Campaign: पीएचक्यू को लगता है कि इनके जेल जाने से माफिया खत्म

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MP Drug Mafia Campaign: मंदसौर, नीमच, उज्जैन समेत कई अन्य शहरों के इंटर स्टेट ड्रग रैकेट चलाने वाले बदमाशों को सीखचों के पीछे भेजा गया, एनडीपीएस एक्ट के एक कानून की इस धारा का इस्तेमाल कर रही है पुलिस

MP Drug Mafia Campaign
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय भवन- फ़ाइल फोटो

भोपाल। एमपी पुलिस हेड क्वार्टर ने दावा किया है कि वह पूरे राज्य में बहुत जल्द ड्रग रैकेट के गिरोह को जमींदोज कर देगी। इसकी शुरूआत उज्जैन जोन से की गई है। एमपी पुलिस (MP Drug Mafia Campaign) को लगता है कि ऐसा करने से राज्य में ड्रग माफियाओं का होल्ड नहीं रहेगा। बल्कि भीतरखाने की खबर यह है कि जो इन्हें संरक्षण देते थे या उनके संपर्क में थे उनके खिलाफ कौन सी जानकारी साक्षा की जा रही है। पीएचक्यू (PHQ) ने बताया उज्जैन जोन के 11 कुख्यात ड्रग तस्करों को PIT NDPS ACT के तहत जेल में भेजा गया है।

ड्रग्स माफियाओं को नेस्तनाबूद करने का निर्देश

पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल ड्रग्स माफियाओं को नेस्तनाबूद करने का निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने दिया था। जिसके बाद नार्को ड्रग्स से संबंधित माफियाओं के खिलाफ व्यापक और कठोर कार्यवाही की जा रही है। इसमें उज्जैन (Ujjain) जोन के जिलों में पुलिस ने डेटा बेस तैयार कर उनका विश्लेषण कर ड्रग्स माफियाओं और तस्करों के विरुद्ध कारगर कार्यवाही की जा रही है। मादक पदार्थों के उत्पादन, व्यवसाय एवं तस्करी में लगातार सक्रिय रहने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसा पुलिस मुख्यालय ने दावा किया है। पीएचक्यू का कहना है कि ड्रग्स तस्कर एवं उनके सिंडिकेट के नेटवर्क को तोड़ने के लिये व्यापक कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री के आदेश पर अभी तक मंदसौर, नीमच और उज्जैन पुलिस ने 11 मादक पदार्थ के तस्करों को केन्द्रीय जेल में निरूद्ध किया है।

इस कानून में जेल भेजे गए

पुलिस मुख्यालय (MP Drug Mafia Campaign) ने बताया कि उज्जैन से कालू, चीलम, जुबेर मंदसौर से शानू लाला (Shanu Lala) , जाउद्दीन, खानशेर और आसिफ लाला (Asif Lala) तथा नीमच से गोपाल, मुमताज, रहीस और हुसैन को इंदौर सेंट्रल जेल में लम्बे समय के लिए निरूद्ध किया गया है। इनके सम्पर्क अन्य राज्यों में भी पाये गये हैं। इनके अवैध सम्पत्ति की भी जानकारी जुटाई जा रही है। ताकि इनके अवैध गतिविधियों पर सदा के लिये अंकुश लगाया जा सके। स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ, अवैध व्यापार अधिनिय 1988 (Prevention of Illicit Traffic in Narcotic Drugs and Psychotropic Substancec Act 1988) की कार्यवाही ऐसे आदतन एवं शातिर माफिया/तस्कर के विरुद्ध की जाती है। ऐसी स्थिति में PIT NDPS ACT के तहत पुलिस धारा 3(1) के तहत निहित शक्तियों के आधार पर माफिया/तस्कर को जेल में डाल सकती है।

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