चार राज्यों की पुलिस और एजेंसियों को दिया झांसा

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पुलिस को देख बन जाते थे सरदार, हरियाणा और दिल्ली के फर्जी नम्बर का करते थे इस्तेमाल

ग्वालियर। आम चुनाव की तैयारियों को लेकर बदमाशों की धरपकड के दौरान ग्वालियर क्राइम ब्रांच को एक बडी कामयाबी मिली है। क्राइम ब्रांच एक बदमाश को दबोचने निकली थी। लेकिन, इस धरपकड में एक ऐसा बदमाश हत्थे चढ गया जिसको चार राज्यों की पुलिस और अलग-अलग एजेंसियां तलाश रही थी। यह बदमाश यूपी पुलिस की कस्टडी से फरार हुआ था। यह बदमाश कितना खूंखार है कि भोपाल पुलिस से दो इंसास रायफल भी लूट चुका हैं। बदमाश को अदालत में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है।

इन कारणों से है कुख्यात

क्राइम ब्रांच ने जिस बदमाश को दबोचा हैं उसका नाम अजय जडेजा उर्फ अजय यादव उर्फ जनक यादव पिता निरपत सिंह यादव है। वह उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के महलगांव का रहने वाला है। अजय काफी कुख्यात है। उसके खिलाफ झांसी, मेरठ, आगरा, नोयडा, एटा, मैनपुरी, फिरोजाबाद और हरियाणा में दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। अजय पर हत्या के आठ मामले दर्ज है। अजय को सुपारी किलर भी कहा जाता है। गुरूग्राम, झांसी पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम रखा था।

दो कारों में थे सवार

आईजी ग्वालियर राजाबाबू सिंह ने पिछले दिनों बैठक ली थी। जिसमें उन्होंने डीआईजी एके पांडे और एसपी नवनीत भसीन को कुख्यात बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। इसी योजना बनाने के दौरान 15 मार्च को जौरासी घाटी पर चैकिंग कर रहे थे। पुलिस को सूचना थी कि 7 दिसम्बर, 18 को महाराजपुरा थाना क्षेत्र से पेशी से लौट रहा बदमाश भीमा फरार हो गया था। भीमा के वहां किसी वाहन से आने की सूचना पुलिस को मिली थी। भीमा उर्फ जितेन्द्र यादव पुत्र सुरेश यादव निवासी हेबतपुरा जिला भिंड के अलावा उसका भाई देवेन्द्र उर्फ फौजी यादव, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी निवासी अवनीश पुत्र श्याम यादव, संदीप उर्फ जीतू जितेन्द्र बघेल पाल पुत्र सुरेश बघेल और प्रदीप उर्फ कुंदन यादव पुत्र जगदीश सिंह यादव भी दबोचे गए। यह सभी क्रेटा और इंडिगो कार में सवार थे। यह अपनी पहचान छुपाने के लिए कार में नकली दाडी-मूंछ रखते थे। पुलिस को देखते ही यह अपना गेटअप चेंज कर लेते थे।

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