किस्त में दोस्त बनकर लुटता रहा अंतरराष्ट्रीय कलाकार

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नाइजीरियन गिरोह ने झांसा देकर ऐंठ लिए 21 लाख रूपए, जांच के नाम पर पुलिस लगवा रही है चक्कर

भोपाल। आपको यह शीर्षक पढकर हैरानी हो रही होगी। लेकिन, यह सोलह आने सच हैं। खबर प्रदेश में धर्म की नगरी कही जाने वाली उज्जैन से आई है। यहां एक इंटरनेशनल लेवल का कलाकार कई किस्त में लुटता रहा। उसे नाइजीरियन गिरोह ने झांसे में ले रखा था। वह पूरे मामले से बाहर आता तब तक उसकी जेब से 21 लाख रूपए जा चुके थे। अब पुलिस जांच के नाम पर उसे चक्कर लगाने के लिए मजबूर कर रही है। मामले की जांच नानाखेडा थाना पुलिस कर रही है।

फेसबुक में दोस्त बनाकर फेंका जाल

उज्जैन के आनंद नगर निवासी अशोक मलिक जालसाजों के शिकार बने थे। मलिक इंटरनेशल लेवल के कलाकार है। मलिक इस्कान के लिए लगभग डेढ दशक से काम कर रहे हैं। उनके पास ब्रिटेन से फेसबुक पर रिक्वेस्ट आई थी। जिसे उन्होंने कबूल लिया। आईडी किसी जेनी जेम्स के नाम पर थी। उसने बातचीत में कहा था कि वह इंडिया आना चाहता है। उसने यह भी झांसा दिया था कि उसके पास बहुत सारे डॉलर है जो सस्ते दामों पर बेचना चाहता है। इसी लालच में आकर यह मेलजोल और ज्यादा संजीदगी से होने लगी।

लूटने की ऐसी हुई शुरूआत

मलिक साजिश से बेखबर थे। इसी बीच अनीता नाम की महिला का फोन आया। उसने कहा कि आपके दोस्त जेनी जेम्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है। उनके पास अत्यधिक मात्रा में विदेशी मुद्रा है। छुडाने के एवज में 60 हजार जमा कराए गए। दोबारा अनीता का यह बोलकर फोन आया कि उनके पास लगैज भी ज्यादा है। जिसका चार्ज जमा कराना होगा। पहली रकम भारतीय स्टेट बैंक तो दूसरी बार रकम आईडीबाई खाते में जमा कराई गई। यह खाते क्रमशः दीपक कुमावत और पूजा इंटरप्राइजेस के नाम पर हैं।

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काले कागज की गड्डी

मलिक झांसे से बाहर नहीं आ सके। कुछ दिन बाद ब्रिटिश दूतावास का कर्मचारी बताकर फोन आया। उनका दोस्त जेनी जेम्स इंग्लैड लौट रहा है और भारी संख्या में डॉलर उसको देने के लिए सौंप गया है। इसके बाद उज्जैन में उनके पास आकर पॉल वीसेट नाम का नाइजीरियाई मूल का नागरिक मिला। उसने एक पार्सल दिखाते हुए जेनी जेम्स का बताया। उसने कहा कि यह डॉलर है जिसे मलिक को देने के लिए कहा है। उसने तीन नोट जो काले दिख रहे थे। उसे धोया तो वह डॉलर में तब्दील हो गए। बदले में मोटी रकम ली और बण्डल थमा गया। बाद में उसे खोलकर देखा तो वह काले कागज का बण्डल निकला। अब पुलिस इस पूरे हाईटेक गिरोह का पता लगाने के लिए मशक्कत कर रही है। बताया जाता है कि इसी अंदाज में उज्जैन में पहले भी वारदात हो चुकी है।

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