Smart City Scam: आईएएस अफसर ने बेटे की कंपनी को लाभ पहुंचाया

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आरोपों को लेकर आर्थिक प्रकोष्ठ विंग में शिकायत, बीएसएनएल कंपनी को ठेका न दिलाकर लाभ पहुंचाने की शिकायत

Smart City Scam
भोपाल स्मार्ट सिटी का लोगो

भोपाल। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की बहुप्रतिक्षित योजना स्मार्ट सिटी भी घोटाले (Smart City Scam) की चपेट में आ गई। ताजा मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के नगरीय प्रशासन (Urban Administration) में हुए एक बंदरबाट से जुड़ा है। इस आरोप में नगरीय प्रशासन विभाग में तैनात रहे एक आईएएस अफसर फंसे हैं। आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे के लिए वह कंपनी जिसमें वह नौकरी करता था उसे ​ठेका दिला दिया।
जानकारी के अनुसार इस मामले में आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) में शिकायत की गई। जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। आरोप आईएएस अधिकारी विवेक अग्रवाल पर लगे हैं। शिकायत में कहा गया हैं कि उन्होंने अपने बेटे विवेक अग्रवाल को स्मार्ट सिटी का ठेका दिलाया। विवेक अग्रवाल उस वक्त नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव (Madhya Pradesh Principal Secretary) हुआ करते थे। यह ठेका स्मार्ट सिटी में ब्राड बैंड को लेकर था। इसके लिए बीएसएनएल (BSNL) ने भी टेंडर में भाग लिया था। यह टेंडर 300 करोड़ रुपए में जारी किया गया। जबकि भाग लेने वाली बीएसएनएल कंपनी ने 250 करोड़ रुपए की रकम भरी थी। 50 करोड़ रुपए अधिक होने के बावजूद बीएसएनएल को ठेका नहीं मिला।

ऐसे खुली परतें
जानकारी के अनुसार टेंडर स्मार्ट सिटी के लिए डाटा सेंटर (Data Center) और डिजास्टर रिकवरी सेंटर (Disaster Recovery Center) बनाने के लिए किया गया था। इससे पहले पीडब्ल्यूसी और एचपीई कंपनी में करार हुआ था। यह करार कोलकाता (Kolkata) में आयोजित एक बैठक में हुआ था। विवेक अग्रवाल का बेटा वैभव पीडब्ल्यूसी कंपनी में ही सीनियर अधिकारी हैं। शिकायत में कहा गया है कि एचपीई कंपनी को स्मार्ट सिटी का कोई अनुभव नहीं हैं। इसके बावजूद कंपनी को काम करने का ठेका दे दिया गया। इसमें किसी भी एजेंसी ने आपत्ति भी नहीं उठाई।

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क्या है स्मार्ट सिटी
भारत सरकार (Government Of India ) की यह बहुत बड़ी योजना है। इसके लिए बकायदा स्मार्ट सिटी मिशन नाम (Smart City Mission) से एक विभाग केन्द्र सरकार ने बनाया है। इसमें सारे राज्यों के नगरीय प्रशासन और नगर निगम को जोड़ा गया है। केन्द्र सरकार ने पूरे भारत वर्ष में 100 शहरों का इसके लिए चुनाव किया गया है। इसमें मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सतना, बुरहानपुर और सागर जिले को चुना गया है। इन जिलों में नागरिकों को बेहतर सुविधाओं के साथ आधुनिक तकनीक से जोड़ने की योजना है।

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