Nirbhaya Gang Rape : निर्भया के साथ हुई दरिंदगी की दास्तां सुनाने के लिए चैनलों से पैसा लेता था उसका दोस्त

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देश के जाने-माने पत्रकार अजीत अंजुम ने किया खुलासा

पत्रकार अजीत अंजुम

नई दिल्ली। जाने-माने पत्रकार अजीत अंजुम (Ajit Anjum) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। निर्भया गैंगरेप कांड (Nirbhaya Gang Rape) को लेकर अजीत अंजुम के खुलासा हिला कर रख देने वाला है। पत्रकार के मुताबिक निर्भया कांड का इकलौता चश्मदीद गवाह और निर्भया का दोस्त, उसके साथ हुई दरिंदगी की दास्तां सुनाने का पैसा लेता था। निर्भया का दोस्त (Nirbhaya’s Friend) चैनलों (NEWS Channel) पर दरिंदगी (Gang rape) की दास्तां सुनाने की एवज में 1 लाख रुपए तक लेता था। बता दें कि निर्भया कांड के बाद चैनलों पर उसके दोस्त के लंबे-लंबे इंटरव्यू चला करते थे।

पढ़िए अजीत अंजुम ने क्या खुलासा किया है

नेटफ्लिक्स पर देर रात तक डेल्ही क्राइम देखकर विचलित होता रहा। निर्भया रेप कांड पर है ये सीरिज, मुझे याद आ गया निर्भया का वो दोस्त जो उस गैंगरेप के वक्त उसके साथ बस में था। जो अपने दोस्त के साथ हुई दरिंदगी का गवाह था। उसके बारे में आज वो सच बताने जा रहा हूं, जो आज तक छिपा रखा था।

वाक्या सितंबर 2013 का है, निर्भया रेप कांड के आरोपियों को फास्टट्रैक कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। सभी चैनलों पर निर्भया कांड के बारे में लगातार कवरेज हो रहा था। मैं उस वक्त न्यूज 24 का मैनेजिंग एडिटर था। निर्भया का दोस्त कुछ चैनलों पर उस जघन्य कांड की कहानी सुना रहा था।

मैंने भी अपने रिपोर्टर को निर्भया के दोस्त को अपने स्टूडियो लाने की जिम्मेदारी दी। कुछ देर में मुझे बताया गया कि उसका दोस्त अपने चाचा के साथ ही स्टूडियो जाता है और इसके बदले हजारों रुपए लेता है। सुनकर पहले तो यकीन नहीं हुआ। उस लड़के पर बहुत गुस्सा भी आया।

मैं इस बात पर बौखलाया था कि जिस लड़के के सामने उसकी गर्लफ्रेंड गैंगरेप और दरिंदगी की शिकार होकर दुनिया से रुकसत हो गई हो, उसकी दास्तां सुनाने के बदले वो लड़का चैनलों से डील कर रहा है। मैं उसको लगातार टीवी पर देख रहा था। मुझे उसकी आंखों में कभी दर्द नहीं दिख रहा था।

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मैंने फैसला किया कि पैसे मांगते और पैसे लेते हुए निर्भया के दोस्त का स्टिंग करूंगा और ऑनएयर एक्सपोज करूंगा। उसकी जगह मैंने खुदको रखकर कई बार सोचा, लगातार सोचता रहा। बहसियों की शिकार दोस्त की चीखें जिसके कानों में गूंजी होंगी, वो पैसे ले-लेकर चैनलों को कहानी सुनाएगा।

मेरे रिपोर्टर ने मेरे सामने बैठकर मोबाइल से उस लड़के के चाचा से बात की। उसने एक लाख लेकर स्टूडियो में आने की बात की। कम करके 70 हजार पर बात तय हुई। मैंने सोचा कि कहीं चाचा तो भतीजे के नाम पर पैसा नहीं ले रहा। मैं चाहता था कि पैसे उस लड़के के सामने दिए जाए।

निर्भया के उस दोस्त के सामने स्टूडियो इंटव्यू के लिए 70 हजार रुपए दिए गए। खूफिया कैमरे में सब रिकॉर्ड हुआ। फिर उसे स्टूडियो ले जाया गया। 10 मिनट की बातचीत के बाद ऑनएयर ही उस लड़के से पूछा गया कि आप निर्भया की दर्दनाक दास्तां सुनाने के लिए चैनलों से पैसे क्यूं लेते हो।

हमने तय किया था कि ये शो पहले रिकॉर्ड करेंगे, फिर तय करेंगे कि क्या करना है। वो लड़का पैसे लेने की बात से इनकार करता रहा। फिर रिकॉर्डिंग के दौरान ही उस लड़के को ऑन स्क्रीन ही उसके स्टिंग का हिस्सा दिखाया गया। तब उसके होश उड़ गए। कैमरों के सामने उसने माफी मांगी।

न्यूज 24 के स्टूडियो से बाहर आने के बाद मैं खुद उसे जलील करता रहा। मेरा गुस्सा सिर्फ इस बात को लेकर था कि तुम्हारी दोस्त, तुम्हारी आंखों के सामने दरिंदगी की शिकार हुई। तुम बच गए वो मर गई और तुम इस वारदात को सुना-सुनाकर चैनलों से लाखों रुपए कमाने में लगे हो।

दूसरे माले के स्टूडियो से लेकर ग्राउंड फ्लोर तक न्यूज रूम के साथी जमा हो गए थे। सब गुस्से में थे कि ये कैसा लड़का है। जिसने निर्भया की कहानी को कमाने का जरिया बना लिया है। सब चाहते थे कि तुरंत पूरा शो ऑनएयर हो, ताकि हकीकत पता चले। तब तक सभी चैनल उस लड़के का इंटरव्यू दिखा रहे थे।

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निर्भया के उस ‘दोस्त’ को मैं जितना सुना सकता था, सुनाया. उस शो को ऑन एयर करके लिए करीब -करीब पूरा न्यूजरुम एक तरफ और मैं एक तरफ. रिकार्डिंग के बाद उसे ऑन एयर नहीं करने का फैसला मेरा था. रिकार्डिंग के बाद मुझे लगा कि कहीं आरोपियों के वकील इसका इस्तेमाल अपने पक्ष में न कर लें

उस वक्त जब कई चैनल निर्भया के इस ‘दोस्त ‘ के लंबे -लंबे इंटरव्यू चला रहे थे , तब अगर हमने एक घंटे का ये स्पेशल शो और स्टिंग चला दिया होता तो रेटिंग भी आती .हंगामा भी मचता. देश भर में चर्चा भी होती और चैनल का नाम भी होता .फिर भी मैंने सोच-समझकर फैसला लिया कि इसे नहीं चलाना है.

 

उस वक्त ‘न्यूज़ 24 ‘ में कंसल्टेंट के तौर पर काम करने वाली रवीना राज कोहली तक ने कई बार कहा कि ये शो ऑन एयर करना चाहिए लेकिन मेरे अपने तर्क थे और कंपनी की CMD अनुराधा प्रसाद भी आखिर में सहमत हुईं कि इस स्टिंग और इंटरव्यू को रोक देना चाहिए.TRP की परवाह किए बगैर हमने ये फैसला किया

 

और हां ये भी हम कर सकते थे कि पैसे देकर इंटरव्यू करते और TRP बटोरते . हमने स्टिंग करके भी नहीं चलाया क्योंकि केस पर असर पड़ने का डर था

 

उस लड़के की आंखों में मुझे कभी दर्द नहीं दिखा. उसकी आवाज़ में निर्भया की चीखों की पीड़ा मुझे कभी नहीं दिखी.उसकी जगह कोई होता तो हर बार टूटता.रोता. लेकिन वो तो पैसे ले लेकर इंटरव्यू दे रहा था. पता नहीं उसने निर्भया को बचाने की कोशिश भी कितनी की होगी ? ये सवाल मेरे भीतर आज भी है

स्टिंग और शो के बाद स्टूडियो से बाहर उसे जलील करते हुए मैं यही सब कहता -सुनाता रहा. फिर उसे ये चेतावनी देकर छोड़ा कि अब अगर तुम पैसे लेकर निर्भया की दास्तान बेचोगे तो तुम्हें एक्सपोज़ करेंगे..वो माफी मांगकर गया कि अब ऐसा नहीं करेगा ..उसके बाद कई सालों तक वो दिखा नहीं

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