पत्नी को विधवा बताकर दो लाख रुपए लेने के लिए आवेदन लगाया, हस्ताक्षर से खुला भ्रष्टाचार का मामला
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार (MP Corruption) का एक विचित्र मामला सामने आया है। इस मामले का मुख्य सूत्रधार विभाग का पूर्व संविदा कर्मचारी है। उसने सरकार की एक योजना का फायदा उठाने के लिए ऐसा कारनामा किया जो अब उसे सलाखों के पीछे पहुंचा देगा। मामला जालसाजी से जुड़ा है जिसमें विभागीय प्रतिवेदन अगली कार्रवाई के लिए पुलिस को भेजा गया है।
यह है आरोपी
पुलिस को सामाजिक न्याय विभाग (Madhya Pradesh Social Justice Department) से एक जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था। इसमें जालसाजी के एक मामले में विभागीय रिपोर्ट थी। आरोप लक्ष्मीगंज निवासी भीमशरण पिता गुलाब राव गौतम पर लगे हैं। भीमशरण विभाग में पहले संविदा कर्मचारी था। उसके खिलाफ कई तरह की शिकायतें विभाग को मिल चुकी थी। इसलिए उसकी संविदा अवधि समाप्त होने के बाद उसे नौकरी से बाहर कर दिया गया था।
कैसे खुला मामला
सामाजिक न्याय विभाग सरकारी योजना चलाता है। इसमें एक योजना कल्याणी विवाह (Widow Marriage) योजना है। इस योजना के तहत ऐसी महिला जो विधवा है उसे मदद करता है। इसमें वह महिला जो विधवा है उससे शादी करने पर दो लाख रुपए विभाग देता है। इस योजना में लाभ पाने के लिए भीमशरण ने आवेदन किया था। आवेदन में हस्ताक्षर स्पष्ट नहीं थे। इसलिए अफसरों को शक हुआ। आवेदन की पड़ताल कराई गई तो वह भीमशरण का निकला। भीमशरण के खिलाफ विभाग पहले भी कई तरह के गलत काम करने के आरोपों की शिकायते हो चुकी थी।
पुरूष का मृत्यु प्रमाण पत्र
पुलिस के मुताबिक भीम शरण की शादी 2014 में हुई थी। उसने दो लाख रुपए के लिए आवेदन 2018 में किया था। जबकि उसकी पहली पत्नी जिंदा थी। उसने कागजों में उसकी मौत होना दर्शाया। इस काम के लिए उसने अशोक कुमार नाम के एक व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) का इस्तेमाल किया। पुलिस को शक है कि इस काम में उसकी नगर निगम और सांख्यिकी विभाग के कुछ कर्मचारियों ने मदद पहुंचाई है। संयुक्त निदेशक राजीव सिंह ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि अगली कार्रवाई पुलिस को करनी है। वहीं पुलिस का कहना है कि कुछ बिंदुओं पर दस्तावेज विभाग से मांगे गए हैं।