भोपाल गणेश विसर्जन हादसा: 11 लोगों की मौत पर राजनीति शुरू, प्रदर्शन को काउंटर करने कांग्रेस ने इनाम दिया

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मांझी समाज ने पैदल मार्च निकालकर सीएम हाउस के सामने किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर एफआईआर निरस्त करने की मांग

Bhopal Ganesh Visarjan Hadsa
मुख्यमंत्री निवास के नजदीक मछुआ समाज के लोग धरना देकर मौन प्रदर्शन करते हुए

भोपाल। जहांगीराबाद के खटलापुरा विसर्जन घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान 11 युवकों की मौत (Death in Bhopal Ganesh Immersion) के मामले में राजनीति शुरू हो गई है। राजनीति के केंद्र बिंदु में मछुआ समाज रहा। जिसको साधने के लिए भाजपा—कांग्रेस दोनों सक्रिय रही। इन सबके बावजूद मछुआ समाज के सैंकड़ों युवकों, वृद्धों, महिलाओं और बच्चों ने रैली निकालकर विरोध जताया। मछुआ समाज ने नाविकों पर दर्ज एफआईआर के खिलाफ ज्ञापन दिया है।

यह थी मांग
रविवार सुबह 11 बजे आदिवासी निशाद वंशीय मछुआ समुदाय (Fisher Community) मध्यप्रदेश के बैनर तले 500 से अधिक लोग एकजुट हुए। यह काली मंदिर चौराहे से रैली की शक्ल में मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे। समुदाय के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष रैकवार ने बताया कि जहांगीराबाद थाना पुलिस ने चार मछुआरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जबकि दोषी अफसरों को बचाया जा रहा है। समुदाय ने चारों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने और जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांंग रखी। इसके अलावा तालाबों में नाव संचालन पर प्रतिबंध तत्काल हटाने की मांग रखी। रैकवार ने बताया कि यदि प्रशासन ने हमारी मांग को गंभीरता से नहीं लिया तो दुर्गा विसर्जन में मछुआ समाज प्रशासन की मदद करने के लिए सामने नहीं आएगा।

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हादसे में मृत युवक के परिवार को सरकार की तरफ से राहत राशि उपलब्ध कराते हुए जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा

सरकार के इनाम को वापस लौटाया
इधर, मछुआ समाज की तरफ से नितिन बाथम ने 50 हजार रुपए की राशि सरकार को वापस लौटा दी है। यह राशि सरकार की तरफ से पानी में डूब रहे लोगों को बचाने के साहसिक (Bhopal Bravery Award) काम के बदले में दी गई थी। रविवार को हुए प्रदर्शन में नितिन बाथम भी वहां मौजूद था। रकम वापस लौटाने की पुष्टि करते हुए सुभाष रैकवार ने बताया कि सरकार हमारे समाज से राजनीति कर रही है। एक तरफ वह नाव बंद करके मछुआ समाज के लोगों पर रोजगार का संकट पैदा कर रही है दूसरी तरफ अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए नितिन बाथम को चैक थमाकर समाज में फूट डालने की कोशिश कर रही है।

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चिता की राख भी नहीं हुई ठंडी
हादसे में मारे गए 11 युवकों (Death in Bhopal Ganesh Immersion) की राख भी अभी ठंड़ी नहीं हुई है। दूसरी तरफ राजधानी में राजनीति तेज हो गई है। इस मामले को लेकर पहले ही दिन से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधायक विश्वास सारंग, कृष्णा गौर समेत कई अन्य नेता इसे सरकार की लापरवाही ठहराते हुए जिम्मेदार बता रहे हैं। भाजपा के कई नेता लगातार मृतकों के परिवार को ढ़ांढ़स बधाने पहुंच रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस से मंत्री पीसी शर्मा ने मोर्चा संभाल रखा है। शर्मा ने मृत युवकों के परिजनों (Death in Bhopal Ganesh Immersion) को सरकार की तरफ से जारी राहत राशि भी सौंपी। इसके बाद सरकार ने नितिन बाथम को 50 हजार रुपए का चैक सौंपा था। यह चैक तब सौंपा गया जब मछुआ समाज ने एफआईआर के खिलाफ विरोध करने की रणनीति बनाई।

यह है मामला
भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में स्थित खटलापुरा घाट में गणेश विसर्जन के दौरान दो नाव पलट गई थी। यह हादसा 12—13 सितंबर, 2019 की सुबह साढ़े चार बजे हुआ था। हादसे में पिपलानी इलाके में रहने वाले 11 युवकों की मौत हो गई थी। इनमें 12 साल से लेकर 21 साल तक के युवक शामिल थे। हादसे के बाद नगर निगम के अफसर आरके सक्सेना, फायर अधिकारी साजिद खान को सस्पेंड कर दिया गया था।

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