नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को राज्यसभा मामले में भाजपा उम्मीदवार की याचिका पर सुनवाई का सामना करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में अपना फैसला सुनाते हुए गुजरात हाई कोर्ट के फैसले में दखल से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पटेल से राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा उम्मीदवार की दायर याचिका पर सुनवाई का सामना करने को कहा है। गुरुवार को कोर्ट ने पटेल की याचिका खारिज कर दी और कहा कहा कि 2017 में राज्यसभा के लिए उनके निर्वाचन को चुनौती देनेवाली भाजपा उम्मीदवार बलवंतसिंह राजपूत की याचिका के संबंध में उन्हें गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई का सामना करना होगा।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने अहमद पटेल की याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘सुनवाई होने दीजिए।’ पटेल ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें राजपूत की चुनावी याचिका पर विचार करने पर सवाल उठानेवाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था।
सर्वोच्च अदालत ने 26 अक्टूबर 2018 को गुजरात हाई कोर्ट के आदेश में दखल से साफ इनकार कर दिया। दरअसल, हाई कोर्ट ने कहा था कि राजपूत के आरोपों पर सुनवाई जरूरी है।
अपनी चुनावी याचिका में राजपूत ने चुनाव आयोग के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें दो विद्रोही विधायकों के वोटों को अवैध करार दिया गया था। भाजपा नेता ने दलील दी थी कि क्या उनके वोटों को गिना गया था, उन्होंने पटेल को हरा दिया होता। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट ने गुरुवार को कहा, ‘चूंकि सभी पार्टियां मौजूद हैं इसलिए औपचारिक तौर पर नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है। अगली सुनवाई फरवरी में होगी। इस बीच हाई कोर्ट चुनावी याचिका पर सुनवाई को आगे बढ़ा सकता है।’