Bucket drowning : छोटी सी लापरवाही से फादर्स डे पर मिला जिंदगी भर का दर्द

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Bucket drowning
सांकेतिक तस्वीर

तीन साल की बच्ची का बाल्टी में मिला शव, परिवार की मांग पर बिना पोस्टमार्टम शव परिजनों को सौंपा गया

भोपाल। यदि आपके भी घर में बेडरूम  (Bucket drowning) के साथ अटैच लैटबाथ हैं तो आपको यह सावधान करने वाली खबर हैं। यदि ऐसा है तो किन बातों की सावधानी भी रखे यह समझ लीजिए। मामला भोपाल के मिसरोद इलाके का है। जिसमें माता-पिता की एक छोटी सी चूक की वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई।

मिसरोद पुलिस के अनुसार यह (Bucket drowning) घटना शनिवार सुबह सामने आई। यहां इलाके में रायसेन के देवरी गांव में रहने वाले सुरेंद्र सिंह रघुवंशी का परिवार रहता है। यह परिवार निखिल नेशनल कालोनी मिसरोद में रहता है। परिवार का भरण-पोषण एक दुकान के सहारे होता है। इस दुकान से घरों की साफ-सफाई में काम आने वाला सामान बेचा जाता है। परिवार में पत्नी के अलावा तीन साल की इकलौटी बेटी आध्या रघुवंशी थी। तबियत खराब होने के कारण शुक्रवार रात को सुरेंद्र दवाई खाकर सो गए थे। सुबह करीब छह बजे उनकी नींद खुली तो आध्या पत्नी से लिपटकर सो रही थी। इसी बीच आध्या पलंग से उतरकर खेलते हुए (Bucket drowning) बाथरूम में चली गई और वहां पानी से भरी बाल्टी में गिर गई। पति-पत्नी उसके बाथरूम पहुंचने और उसमें गिरने की बात से अनजान रहे। वह बाल्टी में ही छटपटाती रही और सुबह दंपत्ति को वह मृत हालत में मिली। परिवार उसे तुरंत ही इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कुछ देर बाद ही उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार ने मौत को लेकर किसी तरह की (Bucket drowning) शंका न जताते हुए पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। पुलिस ने मामले को समझते हुए शव परिजनों को सौंप दिया।

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काश पहले सचेत हो जाते
मामले की जांच (Bucket drowning) कर रहे एसआई अरुण शर्मा के मुताबिक आध्या चंचल थी। तीन दिन पहले भी वह इसी तरह बिस्तर से बाथरूम पहुंच गई थी। तब उसे परिजनों ने देख लिया गया था। परिवार उसी वक्त (Bucket drowning) सचेत हो जाता तो यह हादसा नहीं होता। पुलिस की तरफ से यह सुझाव दिया गया है कि यदि घर में छोटा बच्चा है तो बाल्टी या अन्य सामान में पानी स्टोर करके न रखे। बाथरूम में सटकनी लगाकर रखे। इसकी दूरी इतनी होनी चाहिए कि वह बच्चे के हाथ तक न पहुंचे।

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