World News: ड्रैगन की पचास साल पहले बनी पाॅलिसी के अब सामने आ रहे बुरे परिणाम 

Share

World News: बच्चों की संख्या रोकी तो खामियाजा भुगत रही कंबोडिया और वियतनाम की युवतियां, विश्वस्तर पर कार्य करने वाली संस्थाओं ने महिलाओं की तस्करी को लेकर जताई चिंता

World News
सांकेतिक चित्र, ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

बीजिंग। सरकारें कोई भी नीति अथवा नियम बनाती है तो उसके परिणाम तुरंत नहीं मिलते। वे दूरगामी होते हैं और सार्थक होते हैं। लेकिन, विश्व के लिए अपनी विस्तारवादी नीतियों के चलते बदनाम चीन के साथ उल्टा है। वह नागरिकों की बजाय देश (World News) के विस्तार को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों को ज्यादा फोकस करता है। इसी परिप्रेक्ष्य में चीन की सरकार ने 1980 में एक कानून पारित किया था। इस कानून के लगभग तीन दशक बाद ही बुरे परिणाम सामने आने लगे थे। जिस कारण उसको निरस्त करना पड़ा। हालांकि तब तक देर हो चुकी थी और वह विश्व स्तर पर एक गंभीर समस्या बन गई। जिसकी शिकार सर्वाधिक महिलाएं हुई। प्रभावित होने वाली महिलाएं वियतनाम और कंबोडिया देशों की है।

समाज में दिखा ऐसा असर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अशासकीय संस्थाओं ने जो महिलाओं के विकास और उत्थान को लेकर अध्ययन करती हैं, उन्होंने इस समस्या को चिन्हित किया। जिसमें सामने आया है कि 1980 में चीन ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाया था। जिसके तहत कोई भी परिवार एक से अधिक बच्चे को जन्म नहीं दे सकता था। यह कानून देश के प्रगति के लिए सार्थक बोलकर बनाया गया था। कुछ साल बाद उसका असर सामाजिक संरचना पर दिखने लगा। फैसले से चीन की जनसंख्या में लैंगिक अनुपात पर असर हुआ। इस कारण चीन में युवा रोजगार तो हासिल कर पाए लेकिन उनकी शादी नहीं हो पा रही थी। इसलिए उसका विकल्प तलाशते हुए चीनी नागरिकों ने पहले वियतनाम फिर कंबोडिया की तरफ रूख किया। इन दोनों शहरों की महिलाओं के साथ शादी करने के लिए चीन के नागरिक भारी पैसा देने लगा।

चीन के राजस्व को नुकसान

World News
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

पैसा देकर वियतनाम और कंबोडिया से लड़कियां लाई जाने लगी। यह अब चीन में संगठित माफिया गिरोहों का कारोबार हो गया। यह देखते हुए चीन ने 2016 में अपनी ही बनाई नीतियों के देश में सामने आए बुरे परिणामों को देखते हुए उसे निरस्त कर दिया। अब चीन (World News) में बच्चों के जन्म को लेकर कोई बंदिश नहीं है। लेकिन, संख्या तीन से अधिक अभी भी नहीं रखने को लेकर कानून हैं। चीन में सक्रिय माफिया अब महिलाओं की तस्करी कंबोडिया से कर रहे हैं। पिछले दिनों ऐसी ही एक महिला को बचाया गया जो कंबोडिया से चीन में शादी के लिए 88 लाख रूपए में बेची गई थी। मतलब साफ है कि चीन को अब भय है कि उसकी देश की बड़ी रकम सरकार के फैसले के चलते दूसरे देशों के रास्ते विश्व बाजार में जा रही है। यदि यह बहुतायात में चली गई तो चीन की आर्थिक चक्रव्यूह रचना को कोई भी बाहरी व्यक्ति भेद देगा।

यह भी पढ़ें:   किस वजह से बेघर भटकने को मजबूर हैं दुनिया की सात करोड़ आबादी?
Don`t copy text!