वायवा की लाइन में लगे स्टूडेंट को कॉलेज कैम्पस में चाकू मारा

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चार आरोपियों के खिलाफ कमजोर मामला दर्ज, छात्रों से लेते थे रकम, छात्रों में प्रबंधन के खिलाफ रोष, माता-पिता को भी नहीं दिखाए घटना के फुटेज, पुलिस पर मामला दबाने राजनीतिक दबाव आया

भोपाल। राजधानी में फीस के मामले में निजी कॉलेजों की जमकर मनमर्जी चल रही है। इसके बावजूद शिक्षा और सुरक्षा के नाम पर परिणाम सिफर है। ताजा मामला पिपलानी थाना क्षेत्र के टीआईटी कॉलेज का है। यहां दिनदहाड़े हथियारों से लैस कॉलेज का पूर्व छात्र अपने साथियों के साथ कैम्पस में घुसता है। वह एक छात्र को टारगेट करके उसे चाकू मारकर लहुलूहान कर देता है। इसके बावजूद प्रबंधन एक्शन लेने की बजाय पुलिस की मदद से मामले को दबाने की कोशिश करता है।

घटना की भयावहता को बयां करता यह नजारा

पुलिस ने की महज औपचारिकता
पिपलानी पुलिस के अनुसार मामला आनंद नगर चौकी में जमना अस्पताल से पहुंचा था। जबकि सूचना कॉलेज को देनी थी। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी अंशुमान त्रिपाठी, अमन शर्मा अपने दो अन्य साथियों के साथ वहां पहुंचे। आरोपियों ने मूलत: इटारसी निवासी मृत्युंजय राय के पीठ और पेट में चाकू का वार किया। इसके अलावा डंडों से भी बुरी तरह से पीटा। जब यह कारनामा किया जा रहा था तब सुरक्षा में तैनात कोई भी गार्ड सामने नहीं आया। छात्रों का आरोप है कि गार्ड ने इन्हे रोका भी नहीं और जाने दिया। पुलिस ने इस मामले में गाली-गलौज, धमकी के अलावा छुरी मारकर चोट पहुंचाने का प्रकरण दर्ज किया है। जबकि पुलिस ने एफआईआर में लिखा है कि आरोपी उधारी की रकम को लेकर मारने पहुंचे थे जो रंगदारी का प्रकरण बनाने की तरफ इशारा कर रहा है।

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हमलावरों में पूर्व छात्र

अंशुमन त्रिपाठी
आशुतोष शर्मा

मृत्युंजय टीआईटी कॉलेज में मैकेनिकल ब्रांच में तृतीय वर्ष का छात्र है। उसके पिता अनुकुल चंद्र इटारसी में डॉक्टर है। छात्रों ने बताया कि हमलावरों में से एक अंशुमन त्रिपाठी पूर्व छात्र है। इसके बावजूद उसे कॉलेज में आने से रोका नहीं गया। हमले में अमन शर्मा के भी शामिल होने की बात सामने आई है। हालांकि पुलिस इसे जांच का विषय बताकर मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहती है। छात्रों ने बताया कि अंशुमन के खिलाफ चार मामले पहले से थाने में दर्ज है।

कैमरा बंद बताकर पल्ला झाड़ा
घटना मंगलवार दोपहर हुई। उस वक्त कॉलेज में वायवा चल रहा था। जिसके लिए जख्मी मृत्युंजय लाइन में लगा हुआ था। उसे आरोपियों ने लाइन से बाहर निकाला और उसके पीठ और पेट में चाकू मार दिया। यह सारी घटना कॉलेज के कैम्पस में लगे कैमरे में भी कैद हुई है। लेकिन, टीआईटी कॉलेज प्रबंधन ने इस पूरे मामले का घटनास्थल ही बदलवा दिया। पुलिस का दावा है कि घटना गेट के सामने हुई। जबकि घटना की तस्वीरें बता रही है कि यह सारा विवाद कैम्पस के भीतर हुआ। छात्रों का आरोप है कि प्रबंधन कैमरा खराब बताकर जिम्मेदारी से बचना चाहता है।

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