MP Police Gossip: फंड का डंडा

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MP Police Gossip: खोदा पहाड़ निकली चुहिया, अब बोलती हुई बंद

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सांकेतिक चित्र

भोपाल। मध्य पुलिस (MP Police Gossip) के डीजीपी विवेक जौहरी के सामने पिछले दिनों पुलिस सोसायटी में चल रही बंदरबाट उजागर हो गई। एक अफसर तो अपने ही रिश्तेदारों को पुलिसकर्मियों के पैसे जमा बांट रहे थे। इस खुलासे के बाद डीजीपी को सर्कुलर जारी करना पड़ा। जो अफसर ऐसा कर रहे थे वह राज उन्होंने अपने ही दूसरे साथियों को बताया था। जिसके पैटर्न पर दूसरे भी उसी फॉर्मूले पर चल पड़े थे। लेकिन, बात महकमे की थी इसलिए उसको दबाने की भी जिम्मेदारी थी। इसलिए बड़ी चालाकी से उस घोटाले को दबा दिया गया।

हबीबगंज संभाग में नहीं हुई कार्रवाई

पिछले दिनों एक आरटीआई कार्यकर्ता ने हबीबगंज संभाग का ब्यौरा मांगा। इसमें बताया गया कि दूसरी लहर केदौरान हबीबगंज संभाग ने कोई कार्रवाई ही नहीं की। इतना ही नहीं उन्हें पूरे लॉक डाउन के दौरान बजट भी इस्तेमाल उन्होंने नहीं किया। अब चौका देने वाली बात यह है कि इसके बावजूद यह संभाग शांतिपूर्ण तरीके से कैसे रहा। यह संभाग दूसरे संभागों के लिए इन्हीं बातों के चलते आदर्श हो गया है।

ढ़ोल तो खूब पीटे अब पोल न खुले

पिछले दिनों राजा भोज एयरपोर्ट को लेकर एक धमकी आई थी। जिसके बाद एक युवक को हिरासत में लिया गया। उसे जब हिरासत में लिया गया तब मीडिया मैनेजमेंट और हैडिंग मैनेजमेंट वाले एक्टिव हो गए। अब वे सारे अफसर खामोश है। दरअसल, धमकी उस युवक के मोबाइल से हुई नहीं थी। वह कोई ट्रेंड हैकर की करतूत है। जिसके लिए पुलिस के अफसरों ने वैसी ट्रेनिंग नहीं ली थी। अब प्रायवेट लोगों से उसको क्रेक डाउन करने की कवायद चल रही है।

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वाहनों के रखरखाव में झोल

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जेल विभाग का एक वाहन जितनी कीमत का नहीं है उसकी आधी रकम उसके रखरखाव मेें खर्च कर दी गई। इस बात को लेकर विभाग में कानाफूसी चल रही है। दरअसल, वह वाहन एक अफसर का है। जिनसे कोई सीधे सवाल पूछ नहीं सकता। इसलिए साहब ने दो साल में वाहन के जरिए करीब सवा तीन लाख रुपए का बिल सरकार को भुगतान के लिए पहुंचा दिया है।

एक महीने की मोहलत

ईटखेड़ी थाने के प्रभारी करण सिंह एक महीने के अवकाश पर जाने वाले हैं। उनकी बेटी की शादी के लिए उन्होंने यह अवकाश मांगा है। इधर, थाने की बांट जोह रहे वीरेंद्र कुशवाहा को मौका मिल गया है। वे एक महीने में चमत्कार करके दूसरे थाने में जाने का इसे अवसर मान रहे है। क्योंकि कुछ दिनों में शहर के थानों में फेरबदल करने के संकेत मिल रहे हैं। इसलिए वह तरक्की की एक सीढ़ी मानकर अपने सीनियरों से कामयाब होने का मूलमंत्र ले रहे हैं।

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