Bhopal Honey Trap: तीन रसूखदार जिनके नामों का हुआ खुलासा, अब खुलेगी परतें
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Honey Trap) का नाम हनी ट्रैप के कारण अक्सर सुर्खियों में रहता है। यहां कई तरह के गिरोह एक—एक करके सामने आ चुके हैं। इस गिरोह में अब तक नेता—अफसरों के नाम सामने आए हैं। लेकिन, एक नया गिरोह अब सामने आया है। जिसमें कथित दो वर्दी (Bhopal Cop Fake Uniform Racket) वालों की भूमिका का पता चला है। इन दोनों वर्दी वालों की एक हसीना थी। उस हसीना के निशाने पर तीसरा व्यक्ति होता था। बेहद दिलचस्प इस गिरोह ने कई रसूखदारों को अपने वीडियो के कैमरे में कैद भी किया है। जिसकी मदद से मोटी रकम वसूली (Bhopal Extortion News) गई है। उनके शुरुआती जांच में नाम सामने आ गए हैं।
फ्लैट पर होते—होते रह गया यह काम
घटना पिपलानी थाना क्षेत्र के गांधी मार्केट इलाके की है। शिकायत 12 अक्टूबर, 2020 में डीआईजी सिटी इरशाद वली से सिविल कांट्रैक्टर के साथ काम करने वाले दाउद खान (Daud Khan) ने की थी। जिसकी एफआईआर 12 नवंबर की शाम 7 बजे दर्ज की गई। इसमें पुलिस ने धारा 392/506 (लूट और धमकाने) की लगाई। आरोपी योगेंद्र, अन्टू, आलोक, आरती उर्फ आसमा (Arti@Asma) को बनाया गया। दाउद ने बताया कि उसकी पहचान अंटू से थी। अंटू ने आरती शर्मा उर्फ आसमा खान से मुलाकात कराई। आसमा ने एक दिन कटारा हिल्स (Katara Hills Honey Trap Racket) स्थित फ्लैट पर मुलाकात के लिए बुलाया था। यहां अंटू भी था जो दरवाजा बाहर से बंद करके चला गया।
आसमा जैसे कई चेहरे होंगे बेनकाब
अंटू ने फोन करके अपने साथी योगेंद्र विश्वकर्मा और आलोक शर्मा (Alok Sharma) को बुलाया। दोनों आरोपी उस फ्लैट में जा घुसे जहां आसमा बंद थी दाउद के साथ। दोनों आपत्तिजनक हालत में तो नहीं थे लेकिन, उसको योगेंद्र और आलोक ने कहानी बनाकर वैसा माहौल बना दिया। दोनों ने पुलिस वाला बनाकर दाउद से सोने की चेन और 11 हजार रुपए छीन लिए। पूरे घटना को राज बनाए रखने के लिए धमकाया गया। उससे कहा गया कि यदि ऐसा नहीं किया तो आसमा खान उर्फ आरती शर्मा बलात्कार की एफआईआर दर्ज करा देगी। योगेंद्र विश्वकर्मा (Yogendra Vishwkarma) के दो साथी भूमिगत हैं। पुलिस का दावा है कि उनके पकड़ाने के बाद कई अन्य चेहरे बेनकाब होंगे।
पुलिस की धारा में पेंच
पुलिस का दावा है कि योगेंद्र विश्वकर्मा पहले भी हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार हो चुका है। वह दो महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया है। योगेंद्र और आरती शर्मा को पुलिस ने दबोच लिया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को इस मामले में आलोक शर्मा, अंटू उर्फ कैलाश की तलाश है। पुलिस ने धारा 392/506 (लूट और धमकाने) का मुकदमा दर्ज किया है। जबकि मामला ब्लैकमेलिंग से जुड़ा है। इसलिए यहां धारा दूसरी लगाई जानी थी। इसके अलावा पुलिस ने सह आरोपी होने की धारा 34 का भी इस्तेमाल नहीं किया है। इस लापरवाही का फायदा आरोपी अदालत में उठा सकते हैं।
खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।