कक्कड़ की काली कमाई की खुल रही कई परतें, “चेतक” के जरिये कमाता था 60 लाख

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सामने आ सकता है 600 करोड़ का ईपीएफ घोटाला


इंदौर। आयकर की बड़ी कार्रवाई में फंसे मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ का कारोबार सेंधवा बेरियर पर भी चलता था। यहां से लगभग पाँच हजार ट्रक निकलते हैं, जो कक्कड़ के सौजन्य से टैक्स चोरी करते थे। सूत्रों के अनुसार कक्कड़ ने इस बेरियर पर लगभग 5000 गाड़ियों के नम्बरों की सूची दे रखी थी। इन गाड़ियों के ड्राइवर बेरियर पर पहुंचकर कोड वर्ड “चेतक” बोलते थे, फिर वहां लिस्ट में उस गाड़ी का नंबर चेक किया जाता था। लिस्ट में नम्बर होने पर उस गाड़ी को बिना टैक्स के या कम से कम टैक्स लेकर छोड़ दिया जाता था।

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सूत्रों के अनुसार ये सभी 5000 वाहन मालिक 1200 रुपये प्रति माह प्रत्येक गाड़ी के हिसाब से कक्कड़ को देते थे और ये पैसा फिर कक्कड़ द्वारा नेताओं ओर अधिकारियों में बांटा जाता था, जो लगभग प्रतिमाह 60 लाख रुपए होता है। आयकर के छापे में कक्कड़ के ठिकानों से जो दस्तावेज मिले हैं, उसमें कई आईपीएस और आईएएस को पैसे के लेन देन से संबंधित दस्तावेज हैं। माना जा रहा है कि यह दस्तावेज कक्कड़ की काली कमाई की इसी बंदरबांट के हैं। जाहिर है ऐसे में कक्कड़ के साथ कई बड़े रसूखदारों के नाम भी आयकर के निशाने पर आएंगे।

ईपीएफओ भी जागा, हो सकता है बड़ा घोटाला उजागर
2010 से 16 के बीच कक्कड़ के स्वामित्व वाली थर्ड आई कंपनी में और बालाजी सिक्योरिटी में 600 करोड़ के टर्नओवर का पीएफ घोटाला उजागर हो सकता है। पीएफ की चोरी की जांच अब तक अधिकारियों ने दबा कर रखी थी लेकिन आयकर की कार्रवाई के बाद अब EPFO भी हरकत में आ सकता है। सूत्रों की मानें तो कक्कड़ के पास 2 दर्जन कंपनियों का हिसाब है और इसमें करीब 20 पार्टनर हैं। इन्हे अलग अलग कंपनी में डॉयरेक्टर बना रखा है। बॉम्बे हॉस्पिटल के जीएम राहुल पाराशर और साजन पनिकर दोनों कक्कड़ के करीबी पार्टनर हैं। इनके ऑफिस में भी आयकर विभाग जांच कर सकता है। पुत्र सलिल कक्कड़ और पत्नी साधना कक्कड़ भी कई कंपनियों में डायरेक्टर हैं।

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16 करोड़ की नगदी बरामद
आयकर विभाग ने अब तक भोपाल, इंदौर और दिल्ली में छापेमारी के दौरान करीब 16 करोड़ की नकदी बरामद कर ली है। ये हवाला रैकेट के जरिए चुनाव में पैसा भेजने की साजिश बताई जा रही है।

बीमा की राशि भी डकार गया कक्कड़
2010 से 16 के बीच मप्र विद्युत वितरण कंपनी, टुरिज्म, मंडी बोर्ड और कई विभाग में कक्कड़ की कंपनी को ठेके मिले। इसमें कर्मचारियों के बीमे की राशि भरना थी जो कक्कड़ डकार गए। यही नहीं सर्विस टैक्स में भी चोरी की खबर है। कर्मचारियों के नाम पर जमा होने वाली पीएफ, ESIC की राशि उनके खाते में जमा न होते हुए कक्कड़ के खाते में जाती रही। आयकर की कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है। किसी भी समय EPFO और ESIC मामले की जांच कर सकता है।

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