भाजपा अध्यक्ष को प्रेमचंद गुड्डू का जवाब ‘मैं भाजपा का सदस्य ही नहीं तो नोटिस क्यों दिया’

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पूर्व सांसद प्रेमचंद बोले- 3 महीने पहले दे दिया था भाजपा से इस्तीफा

प्रेमचंद गुड्डू, पूर्व सांसद

भोपाल। मध्यप्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी घमासान शुरु हो गया है। इस चुनाव में बागियों की जोरदार भूमिका को देखने को मिल रही है। कांग्रेस के बागियों ने भाजपा में शामिल होकर सरकार बनवा दी। तो वहीं अब भाजपा से बागी होकर भी कई नेता कांग्रेस में लौटने की तैयारी कर रहे है। कभी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार रहे पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू (Premchand Guddu) की पार्टी में वापसी लगभग तय मानी जा रही है। लिहाजा भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के खिलाफ प्रेमचंद गुड्डू के तेवर तीखे हो गए है। सांवेर सीट से गुड्डू को कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जा सकता है, लिहाजा उनके निशाने पर मंत्री तुलसीराम सिलावट (Tulsi Ram Silawat) भी है।

भाजपा अध्यक्ष को दिया तीखा जवाब

गुड्डू का पत्र

ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट के खिलाफ गुड्डू की बयानबाजी से नाराज होकर उन्हें भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर ने नोटिस जारी किया गया था। जिसके जवाब में प्रेमचंद गुड्डू ने भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि वह 3 महीने पहले ही इस्तीफा दे चुके है। ‘अब नोटिस देने का क्या मतलब, जब मैं भाजपा का प्राथमिक सदस्य ही नहीं हूं’।

पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू का पत्र

‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से पहले 9 फरवरी को भाजपा से इस्तीफा दे चुका हूं। उसके बाद पूरे देश में कोरोना से अपनी दस्तक दी, लेकिन केंद्र सरकार काेरोना के नियंत्रण की बजाय मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस में लगी रही। उस समय मुझे एहसास हुआ कि देश के सामने पैदा हो रही समस्या का समाधान करना या उसे विकराल रूप में जाने से रोकने के बजाय भाजपा का लक्ष्य दल-बदल कर सत्ता प्राप्त करना है। मेरे त्यागपत्र देने के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। विधासभा चुनाव में भाजपा ने सिंधिया पर सीधा हमला बोला। मैंने कांग्रेस में रहते हुए भी कई बार उनके खिलाफ आवाज उठाई है। सिंधिया परिवार कभी किसी का सगा नहीं हुआ है। जब वे कांग्रेस में थे तो कमलनाथ सरकार को किसानों की समस्या को लेकर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी थी। अब जब पूरा प्रदेश त्राहिमाम कर रहा है तो वे कहां हैं। अपने राजनीतिक अनुभव के चलते मुझे इस बात का एहसास हो गया था कि मैंने भाजपा की सदस्यता लेकर गलती की है। इसलिए मैंने समय से पहले ही उसे सुधार लिया है। जब मैं पहले ही इस्तीफा दे चुका हूं, ऐसे में जब मैं भाजपा का प्राथमिक सदस्य हूं ही नहीं तो आपको मुझे नोटिस देने का कोई अधिकार नहीं है।’

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प्रेमचंद गुड्डू का पत्र

वहीं इस मामले पर भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मीडिया से कहा कि उन्हें अब तक प्रेमचंद गुड्डू का पत्र नहीं मिला है।

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