ISIS संगठन का चीफ अबू बक्र अल बकदादी की मौत, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया ऐलान
दिल्ली। दुनिया के कुख्यात आतंकी (World Crime) संगठन इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया (ISIS) का चीफ अबू बक्र अल बकदादी मारा गया। उसके मौत की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने स्वयं की। इतना ही नहीं ट्रंप ने उसके इनकाउंटर (Abu Al Bakra Bagdadi Encounter) के पूरे एक्शन प्लान को लाइव टीवी मैं बैठकर देखा। बगदादी के मौत की सूचना देने के पहले ट्रंप ने ट्वीटर पर ट्वीट भी किया था कि कुछ बड़ा होने वाला है। इस ट्वीट के बाद देशभर के राजनायिकों के बीच खलबली मच गई थी।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ब्रीफिंग (White house Briefing) में कहा कि बगदादी कायर की तरह वह मारा गया। आखिरी वक्त में वह खूब रोया भी और चीखा चिल्लाया भी था। बगदादी का सीरिया (Siria) पर राज था। ट्रंप ने एक्शन में रूस समेत अन्य देशों के सहयोग मिलने पर उन्हें धन्यवाद भी दिया। बगदादी पर करीब ढाई करोड़ रुपए का इनाम था। उसकी मौत उत्तर—पश्चिमी सीरिया के शनिवार को मारा गया। मौत की पुष्टि होने के बाद रविवार को ट्रंप ने इसका ऐलान किया। उसको मारने के लिए एक रोबोट और 9 खोजी कुत्तों की मदद ली गई थी। कुत्तों ने ही उसकी लोकेशन तलाशकर अमेरिकी एजेंसी को दी गई थी। ट्रंप ने कहा कि आखिरी वक्त में उसके पास कोई चारा नहीं था। वह अपने साथ दूसरी पत्नी और उसके तीन बच्चों को भी ले गया था। उसने अपने आपको बम से उड़ा लिया। जिसमें उसके तीन बच्चे भी मारे गए। यह पूरा एक्शन प्लान रात को अंजाम दिया गया था।
सीधे जाने की बजाय सुरंग में सेंध
आखिरी वक्त में बगदादी एक सुरंग में घुसा था। जिसको तलाशने के लिए खोजी कुत्तों की मदद ली गई थी। अमेरिकी एजेंसियों ने बगदादी के खास सिपहसलारों को भी हिरासत में ले लिया है। इनकी संख्या अभी नहीं बताई गई है। एक्शन प्लान की जिम्मेदारी अमेरिकी सेना के पास थी। बगदादी जिस सुरंग में छुपा था वहां अमेरिकी फौज सीधे दाखिल नहीं हुई। उसने सुरंग को बीच से उड़ाया। इसके बाद अमेरिकी कमांडो भीतर दाखिल हुए।
महाभियोग पर संकट बरकरार
अमेरिका के इस एक्शन प्लान में रूस, तुर्की, सीरिया के अलावा इराक का सहयोग मिला। अमेरिकी सेना को सीरियाई कुर्दों ने भरपूर सहयोग किया। वे एक्शन प्लान में सीधे शामिल नहीं थे। लेकिन, पुख्ता जानकारियां उनसे ही अमेरिकी सेना को मिल रही थी। इजरायल और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के इस एक्शन की तारीफ की है। इधर, बगदादी के एनकाउंटर को लेकर ट्रंप खुश है। दरअसल, उन पर महाभियोग का खतरा मंडरा रहा है। उनके खिलाफ विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ने मोर्चा खोल रखा है।
पिछले साल बेटा मारा गया
बगदादी शिक्षित था। उसने बगदाद यूनिवर्सिटी से इस्लाम में ग्रेजुएशन किय था। इसके अलावा वह पीएचडी होल्डर भी था। वह लैक्चरर रहा है और उसने यूनिवर्सिटी में नौकरी भी की थी। बाद में उसने आईएसआईएस संगठन बनाया था। जिसका आतंक पूरी दुनिया जानती है। वह कई लोगों की निर्मम हत्या कर चुका है। उसके खिलाफ अमेरिका की सरकार लंबे अरसे से लगी थी। बगदादी का खात्मा करने के लिए यह फायनल ऑपरेशन किया। इसमें बगदादी की दो बीवियां और तीन बच्चे भी मारे गए। इससे पहले जुलाई, 2018 में बगदादी का बेटा हुतैफ अल बदरी मध्य सीरिया में हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
अमेरिका में अलर्ट
बगदादी का जन्म जून, 1971 में इराक में हुआ था। उसका पूरा नाम इब्राहिम अवद इब्राहिम अल बदरी था। उसकी दो बीवियां असमा और इसरा थी। ओसामा बिन लादेन के बाद बगदादी अमेरिका की हिट लिस्ट में था। जैसे ओसामा बिन लादेन का पाकिस्तान में अमेरिका ने इनकाउंटर किया था। कुछ ऐसा ही इनकाउंटर बगदादी का किया गया। हालांकि उस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा थे। ओबामा ने भी ओसामा बिन लादेन का इनकाउंटर लाइव देखा था। हालांकि उसके बाद मुस्लिम देशों के निशाने पर अमेरिका आ गया था। इस वक्त भी बगदादी की मौत की सूचना देने के बाद अमेरिकी एजेंसी अलर्ट पर है। उसे लगता है कि कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन भोले नागरिकों को उकसाकर आत्मघाती हमले करा सकते हैं। इसलिए विदेश में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।