जानिये प्रिंसेस हया के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं
नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की प्रिसेंस हया बिन्त अल हुसैन अपने पति और दुबई के अरबपति शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के पास से भाग गई हैं। अपने साथ प्रिंसेस हया करीब 310 लाख पाउंड यानी करीब 270 करोड़ रुपये और अपने दो बच्चों को भी ले गई हैं। माना जा रहा है कि वे फिलवक्त लंदन में हैं और जर्मनी की नागरिकता लेना चाहती हैं। इससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संकट भी घिर गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यों वे जर्मनी की नागरिकता लेना चाहती हैं और अपने भविष्य के लिए जर्मनी की ओर देख रही हैं!
बताया जाता है कि जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला की सौतेली बहन हया बिन्त अल हुसैन अपने शौहर यानी शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से तलाक लेना चाहती हैं। हया अपनी 11 वर्षीया बेटी जलीला और 9 वर्षीय बेटे जायद को भी अपने साथ ले गई हैं। जानकारी के मुताबिक अपने बच्चों के साथ नई जिंदगी शुरू करने की चाह रखने वाली हया अपने साथ 31 लाख पाउंड ले गई हैं।
सोशल मीडिया पर सक्रियता हो गई थीं कम
लंबे समय से हया बिन्त अल हुसैन सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं। साथ ही 20 मई के बाद उन्हें किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भी नहीं देखा गया है। आमतौर पर प्रिंसेस हया की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर उनके सामाजिक कार्यों की तस्वीरें आती रहती थीं। उन्होंने फरवरी के बाद सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं की है।
जर्मनी पर मदद का आरोप, राजनयिक संकट
अरब मीडिया के मुताबिक, प्रिंसेस हया को दुबई से बाहर निकालने में जर्मन राजनयिक ने मदद की है। इससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संकट पैदा होने के आसार हैं। बताया जाता है कि जर्मन प्रशासन से शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने उनकी बेगम लौटाने की गुजारिश की थी। इस पर जर्मन प्रशासन ने सकारात्मक जवाब नहीं दिया। असल में जर्मनी में प्रिंसेस हया के काफी दोस्त हैं और उन्होंने घुड़सवारी के अपने अभ्यास के दौरान काफी समय जर्मनी में गुजारा है। जर्मनी से अपने निजी रिश्तों के कारण ही वहां से उन्हें राजनयिक मदद हासिल हो सकी है और अब वे भविष्य में भी जर्मनी ही रहना चाहती हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सीरियाई शरणार्थियों को शरण देकर पहले ही आंतरिक उलझनों में फंसा जर्मनी क्या यूएई से कूटनीतिक संबंध बिगाड़ना चाहेगा!
शेख राशिद की बेटी लतीफा भी भाग चुकी हैं दुबई से
दुबह के शाही परिवार में किसी महिला के भागने का यह पहला वाकया नहीं हैं। इससे पहले दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी प्रिंसेस लतीफा ने भी अपने पिता और दुबई से भागने की कोशिश की थी। हालांकि वे इसमें नाकाम रहीं। फरवरी 2018 के आखिरी सप्ताह में लतीफा दुबई से भाग निकली थीं, लेकिन 4 मार्च को भारतीय तटरक्षक बलों और यूएई के संयुक्त अभियान में उन्हें पकड़ लिया था। इसके बाद उन्हें वापस दुबई को सौंप दिया गया था। उस वक्त लातीफा ने कहा था कि वह शोषण के कारण दुबई से भाग रही हैं। शेख की बेटी ने अपने पिता पर भी शोषण के आरोप लगाए थे। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि लातीफा को अब भी दुबई में कैद करके रखा हुआ है।
आजादख्याल हया हैं अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स पर्सनालिटी
जॉर्डन के राजा हुसैन और उनकी तीसरी पत्नी क्वीन आलिया की बेटी प्रिंसेस हया बिंत हुसैन का जन्म 3 मई 1974 को हुआ था। किंग अब्दुल्ला की सौतेली बहन हया को यूएई के प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की जूनियर वाइफ का दर्जा हासिल है। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में प्रिंसेस आफ जॉर्डन के नाम से जानी जाने वाली हया को मुहम्मद के वंश की 41वीं पीढ़ी का सदस्य माना जाता है। जॉर्डन में उनका परिवार 1921 से लगातार शासन कर रहा है।
45 वर्षीय हया बिन्त अल हुसैन ने ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की है और अपनी आजादख्याल जिंदगी के लिए सुर्खियों में रही हैं। वह 70 वर्षीय शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की छठी पत्नी हैं। वे बेहतरीन घुड़सवार हैं और अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में जॉर्डन का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। साथ ही इंटरनेशन घुड़सवारी फेडरेशन की दो बार अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। घुड़सवारी के अलावा हया अच्छी बैडमिंटन खिलाड़ी भी हैं। इसके अलावा वे कई तरह के सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं।
2004 में हुई थी शेख राशिद से शादी, दो बच्चे
हया की शादी शैख मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से 10 अप्रैल 2004 को हुई थी। 2 दिसंबर 2007 को प्रिंसेस हया की पहली संतान बेटी शेख जलीला का जन्म हुआ। उनकी बेटी के जन्मदिन को यूएई के राष्ट्रीय दिवस के 36वें उत्सव के तौर पर मनाया गया। 7 जनवरी 2012 को उनके दूसरे बच्चे शैख जायद का जन्म हुआ। इन दोनों ही बच्चो को प्रिंसेस हया अपने साथ ले गई हैं।
13 साल की उम्र में शुरू की अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी
प्रिंसेस हया ने 13 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी शुरू कर दी थी। 1992 में उन्होंने सीरिया के दमिश्क में हुए सातवें अरब खेलों में व्यक्तिगत जंपिंग में कांस्य पदक हासिल किया था। 1993 में उन्हें जॉर्डन एथलीट आफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया। घुड़सवारी में जॉर्डन का प्रतिनिधित्व करने वाली हया अपने देश की पहली महिला थीं। साथ ही वे एकमात्र महिला हैं, जिन्होंने अरबी घुड़सवारी खेलों में पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने आयरलैंड और जर्मनी में कई साल ट्रैनिंग ली है। वे 2000 के सिडनी ओलंपिक में भी जॉर्डन की ओर से हिस्सेदारी कर चुकी हैं। 2007 में हया अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी आईओसी की सदस्य बनीं थीं और 2010 में वे आईओसी की अंतरराष्ट्रीय संबंध समिति में भी चुनी गईं। इसके अलावा वे आईओसी की अन्य विभिन्न संस्थाओं से जुड़ी हैं।
संयुक्त राष्ट्र की गुडविल एंबेसडर बनने वाली दुनिया की पहली महिला
खेलों में दुनियाभर में ख्याति अर्जित करने वाली प्रिंसेस हया को 2007 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की गुडविल एंबेसडर बनाया था। यह सम्मान हासिल करने वाली वे दुनिया की पहली महिला और किसी अरब देश की पहली नागरिक थीं। इसके अलावा उन्हें तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने शांति दूत भी नियुक्त किया था। उन्होंने अरब देशों के अपनी तरह के पहले एनजीओ तकियत उम अली का गठन किया जो स्थानीय स्तर पर भुखमरी से निजात के लिए काम करता है। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह के सामाजिक सुरक्षा, मानवीयता आदि के कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं।
अपने सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें 2014 में फ्रांस के सबसे बड़े सम्मन आफिसर आफ द नेशनल आर्डर के अलावा 2015 में संयुक्त राष्ट्र के हंगर हीरो अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा वे कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित की जा चुकी हैं।