26 कानूनी सजा पूरी कर रिहा हुआ बच्चों, पत्नी और मां-बाप का कातिल, क्या जी पाएगा सामान्य जिंदगी?

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अपराध, झूठ और बर्बरता की अनोखी दास्तान, खुद की कहानी पर लिखवाई किताब जो है बेस्टसेलर
मेडिकल के पहले ही साल में हो गया था फेल, फिर भी 18 साल तक खुद को बताया डॉक्टर
परिवार और दोस्तों से राज छुपाने के लिए दो बच्चों समेत पांच परिजनों को बेरहमी से मार डाला था

लॉन्स ला साउनियो। मामला 26 साल पुराना है। उस वक्त एक फर्जी फ्रांसीसी डॉक्टर ने अपने पूरे परिवार को महज इसलिए मौत की नींद सुला दिया था कि उसका राज फाश न हो जाए। अब 26 साल बाद उक्त अपराधी जीन-क्लाउड रोमंड अपनी सजा पूरी कर रिहा हो रहा है। कानूनी रूप से उसने अपने किए की सजा पा ली है, लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि क्या वह सामान्य जिंदगी जी पाएगा? क्या उसे समाज में लोग उसके काले इतिहास के कारण आम इंसान की तरह अपना पाएंगे?

इन सवालों के जवाब तलाशने से पहले जानते हैं, वह घटना जिसने पूरी दुनिया को हिला दिया था और लंबे समय तक रोमंड अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहा था। इस फ्रांसीसी अपराधी ने अपने मां-बाप के साथ पत्नी और बच्चों को भी बेरहमी से मार डाला था। उसकी जिंदगी पर एक किताब लिखी जा चुकी है और दो फिल्में भी बन चुकी हैं। अब वह 26 साल की सजा पूरी करके जेल से रिहा हुआ है। इस वक्त 65 साल की उम्र का जीन-क्लाउड रोमंड वहशीयाना हत्याओं को अंजाम देने से पहले 18 साल तक एक झूठी जिंदगी जीता रहा, जिसमें उसने खुद को दुनिया के समक्ष एक मेडिकल छात्र और फिर वल्र्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) का रिसर्चर जाहिर किया। इस दौरान वह अपने परिवार और दोस्तों से स्विट्जरलैंड में पैसा निवेश करने के नाम पर रुपए लेकर खुद कमाई भी करता रहा।

12 साल तक खुद को बताया मेडिकल छात्र
रोमंड एक आदर्श छात्र के तौर पर अपनी जान पहचान के दायरे में काफी सम्मान की नजर से देखा जाता था। जबकि सच्चाई यह थी कि वह लियोन मेडिकल स्कूल के अपने पहले वर्ष में परीक्षा में फेल हो गया था। यह सन 1974 की बात है। वह अगले 12 साल तक पहले साल की परीक्षा दे सकता था, लेकिन उसके बाद उसने कभी परीक्षा नहीं दी। इसके बावजूद वह अपने दोस्तों को यह बताता रहा है कि वह मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है और उसके बाद वह एक डॉक्टर बन गया।

जीता था दोहरी जिंदगी
लंबे समय तक छात्र की दोहरी और झूठी जिंदगी जीने के बाद उसने दिखाया कि उसे डब्ल्यूएचओ में नौकरी मिल गई है। इस दौरान वह फ्रांस और स्विट्जरलैंड के सीमावर्ती इलाके में ड्राइविंग करते हुए दिन बिताता था। इस बीच कभी कभार डब्ल्यूएचओ की नागरिक कानून सेवा के दफ्तार में जाता रहता था।

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1992 के आखिर में खुला राज
1980 में रोमंड ने अपनी गर्लफ्रेंड से शादी कर ली और 80 के दशक के आखिर तक वह दो बच्चों का बाप भी बन गया। कभी कभी वह अपने परिवार को बताता था कि वह विदेश यात्रा पर जा रहा है और इस दौरान वह सड़क के करीब के किसी सस्ते रेस्ट हाउस में दिन बिताता था। फिर कुछ दिनों बात अपने परिवार के लिए उपहार खरीदकर वापस घर आ जाता था। शुरुआत में रोमंड ने पैसे के लिए अपना स्टूडेंट फ्लैट बेच दिया, जो उसके मां-बाप ने उसे तब खरीदकर लिया था, जब वह लियोन में पढ़ाई के लिए गया था। जब यह पैसा खत्म हो गया तो वह रिश्तेदारों और दोस्तों का फायदा उठाने लगा, जो उससे पैसे को निवेश करने के बारे में पूछते थे। वह दावा करता कि बतौर संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी उसकी खासी पहुंच है। 1992 के आखिरी महीनों में उसकी इस ठगी का शिकार बने कुछ लोगों ने पैसों के बारे में पूछना शुरू किया। एक पारिवारिक दोस्त ने रोमांड का नाम डब्ल्यूएचओ के स्टाफ की लिस्ट में नहीं देखा, तो उसे शक हुआ।

दो दिनों में पांच इंसान, एक जानवर की हत्या और एक जानलेवा हमला
अपना राज खुलता देख रोमंड ने एक खतरनाक फैसला लिया। 1993 की जनवरी में उसने अपने झूठ और फर्जी कारनामों को छुपाने के लिए खूंखार हत्याकांड को अंजाम दिया। 9 जनवरी 1993 को रोमंड ने 2000 फ्रांसीसी डॉलर निकाले और अपने पिता से .22 बोर की राइफल उधार ली। उस रात उसने बेलन से पीट-पीट कर अपनी पत्नी की हत्या कर दी। यह हत्या उसने अपने बेडरूम में की और आराम से उस रात लाश के साथ ही सोया रहा।
अगली सुबह वह बच्चों के साथ जागा और नाश्ता किया। इसके बाद कार्टून देखता रहा। अगली रात उसने बच्चों को सुलाया और जब वे गहरी नींद में सो गए तो उनके सिर में राइफल से गोली मार दी।
इन हत्याओं के बाद उसके कारनामे को महज उसके माता-पिता और उसकी पूर्व प्रेमिका ही दुनिया के सामने ला सकते थे। पूर्व प्रेमिका ने उसे 9 लाख फ्रांसीसी डॉलर दिए थे। अगली सुबह रोमंड 80 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा कर अपने माता-पिता के घर पहुुंचा और उनके साथ खाया गया। खाने के तुरंत बाद ही उसने दोनों को गोली मार दी और अपने परिवार के कुत्ते को भी मार डाला।
इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद रोमांड अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा और उससे कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बर्नाड कोचनर ने उन्हें डिनर पर आमंत्रित किया है। जब वे दोनों घर से निकले तो रास्ते में उसने जाहिर किया कि वे रास्ता भटक गए हैं और प्रेमिका को कार से बाहर आने पर मजबूर किया। बाहर उसने अपनी प्रेमिका पर एक हमला किया और रस्सी से उसका गला घोंटने की कोशिश की। इसके बाद आंसू गैस उसके चेहरे पर फैंकी। जब प्रेमिका ने जवाबी हमला किया तो वह माफी मांगने लगा और उसे वापस घर ले आया। उसने प्रेमिका से वादा लिया कि वह कभी किसी को हमले के बारे में न बताए।
इसके बाद रोमांड अपने घर लौटा। उसने इत्तमीनान से टीवी चालू किया और पूरे घर में पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। इसके बाद खुद नींद की काफी सारी गोलियां खा लीं। हालांकि इस बारे में तय राय नहीं बनाई जा सकी है कि ऐसा उसने सचमुच आत्महत्या करने के लिए किया था, या फिर यह पुलिस को भरमाने की कोई चाल थी। हालांकि उसने जो गोलियां खाई थीं वे काफी पहले एक्सपायर हो चुकी थीं। रोमंड को अग्निरक्षक दल के सदस्यों ने बचाया और उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस हिरासत में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। 1996 में उसे इन हत्याओं का दोषी पाया गया। 2015 में वह पैरोल का हकदार हो गया था। इसके बाद इस साल अप्रैल में उसकी रिहाई को मंजूरी मिल गई थी।

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अपनी जिंदगी पर खुद लिखवाई किताब, बनी दो फिल्म
रोमंड ने अपनी जिंदगी पर खुद ही किताब लिखवाई है। अपने मामले के ट्रायल के दौरान ही उसने लेखक एमानुएल कैरेर से पत्राचार शुरू कर दिया और अपनी जिंदगी की कहानी और घटनाओं का ब्यौरा दिया। कैरेर ने इन घटनाओं पर किताब लिखने में काफी साल लगाए, क्योंकि रोमंड चाहता था कि उसे न तो हैवान की तरह चित्रित किया जाए और न ही किताब उसके पक्ष में लिखी जाए। यह किताब द एडवर्सरी आखिरकार 2000 में प्रकाशित हुई और एक बेस्टसेलर साबित हुई।
बाद में इस किताब पर आधारित दो फिल्में भी बनीं। 2001 में आई फ्रांसीसी फिल्म द एम्पलोई दु टेम्प्स (टाइम आउट) में मुख्य पात्र अपने परिवार पर जाहिर करता है कि वह ऑफिस जा रहा है और असल में वह फ्रांस और स्विटजरलैंड के बीच हर रोज ड्राइविंग करता है।

जेल में हो चुका है धार्मिक शख्स
रोमंड के बारे में कहा जा रहा है कि अपनी 26 साल की जेल की जिंदगी में वह पूरी तरह बदल चुका है और अब वह काफी धार्मिक हो चुका है। उसकी पत्नी के भाई ने उसे रिहा करने के फैसले का विरोध किया है। एमानुएल क्रोलेट ने एक बयान में कहा कि “उसके बारे में आजादी शब्द सुनना काफी मुश्किल है… मेरे लिए यह उसकी जीत है।”

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