World Health News: नर्सिग स्टाफ की कमी से जूझ रहे विकसित देशों के बीच कड़ा हो जाएगा मुकाबला, स्वास्थ्य मंत्री ने यह बोलकर संसद भवन में सभी को चौका दिया
दिल्ली। विश्व (World Health News) अभी भी कोरोना का खतरा बरकरार है। इसके बावजूद कई अन्य स्वास्थ्य संबंधित चुनौतियां जैसे टीबी, हैजा, डेंगू, कैंसर समेत अन्य बीमारियां भी है। इन बातों से निपटने के लिए बहुत अधिक संख्या में विश्व में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की आवश्यकता महसूस होगी। खासतौर पर नर्सिग स्टाफ की। जिसकी कमी से देश जूझ रहा है। यह बातें सिंगापुर की संसद में रिपोर्ट पेश करते हुए वहां के स्वास्थ्य मंत्री ने रखी है। उन्होंने देश की 2030 में जनसंख्या की आधी आबादी वयोवृद्ध होने की बात को लेकर भी चिंता जताई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अभी जिन देशों से नर्सिग स्टाफ मिल रहा है वे भविष्य में विकसित देशों की तरफ अपना रूख कर सकते हैं।
नर्सों के लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर में आयु के मुकाबले युवाओं की कमी रिकॉर्ड की जा रही है। इस कारण बुजुर्गो की देखभाल में स्थानीय नर्सों की मदद के लिए विदेशी नर्सों की नियुक्ति में मुश्किल आ रही है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री ओंग यि कुंग ने सिंगापुर संसद में दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2030 तक स्वास्थ्य देखभाल के लिए और 24 हजार नर्सों की जरूरत होगी। कुल पंजीकृत नर्सों में सिंगापुर के नागरिकों और वहां स्थायी तौर पर रहने वाली नर्सों की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है। वहीं, देश में कार्यरत कुल नर्सों में से भी 63 प्रतिशत इसी श्रेणी में आती हैं। बाकी नर्सें फिलीपीन, मलेशिया, चीन, भारत, म्यांमार और अन्य देशों की हैं। यह बातें ओंग ने बुधवार को संसद में बताई। उन्होंने बताया अभी सिंगापुर में नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की मौजूदा संख्या 58 हजार है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय का आकलन है कि वर्ष 2030 तक देश में 82 हजार नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत होगी। मंत्री ने स्वीकार ने किया कि नर्सों के लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय नामांकित सांसद और स्तन शल्यचिकित्सक तान यिआ स्वाम के इस सुझाव के समर्थन में है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाली नर्सों को स्थायी निवास की अनुमति दी जाए।