सोशल मीडिया पर भी लोगों ने की थी डेरेक की तारीफ
नई दिल्ली। दुनिया में एक तरफ ऐसे लाखों अपराधी हैं जो तमाम सबूतों और गवाहों के बावजूद अपना जुर्म कबूल नहीं करते। वहीं दूसरी तरफ तस्वीर में दिख रहा ये बच्चा हैं। जिससे अनजाने में एक गलती हो गई और वो इसे पाप समझ बैठा। दुख, करुणा और अपराधबोध से इस बच्चे का दिल इतना भर गया। वो अपनी गलती के प्रायश्चित के लिए सबकुछ दांव पर लगाने को तैयार हो गया। वो खिलौने खरीदने के लिए जुटाई जमापूंजी भी लुटाकर एक मुर्गे की जान बचाना चाहता था। जिसे अनजाने में उसकी वजह से चोट लग गई थी।
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घटना मिजोरम की है। जहां रहने वाले 6 वर्ष के डेरेक सी लालचन्हिमा की ये फोटो कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। फोटो में डेरेक के एक हाथ में 10 रुपए का नोट है और दूसरे हाथ में एक मुर्गा है। ये फोटो उस वक्त खींचा गया जब डेरेक मुर्गे का इलाज कराने अस्पताल पहुंचा था। दरअसल डेरेक एक टायर से खेल रहा था। उसी दौरान उसके टायर के नीचे ये मुर्गा आ गया। टायर से दबने की वजह से उसे चोट लग गई। इस छोटी सी घटना ने डेरेक को हिलाकर रख दिया। करुणा से भरे डेरेक ने मुर्गे को उठाया और सीधे अपने घर पहुंचा। जहां से उसने अपनी कुल जमापूंजी 10 रुपए उठाए और पास के एक अस्पताल जा पहुंचा। डॉक्टर को आपबीती सुनाकर उसने कहा कि मुर्गे का इलाज कर दीजिए, उसके बदले में ये रुपए रख लीजिए। डेरेक की बात सुनकर अस्पताल में मौजूद स्टाफ भावुक हो गया। उसी दौरान किसी ने उसकी फोटो खींच ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। जिसके बाद डेरेक देशभर में फेमस हो गया है।
डेरेक को पेटा का सलाम
पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोगों के संगठन (पेटा) ने डेरेक की करुणा, पशुओं के प्रति उसकी चिंता को सम्मानित किया है। डेरेक को पेटा इंडिया की तरफ से दयालु बच्चा अवार्ड’ से सम्मानित किया है। पेटा इंडिया ने इस अवार्ड को विशेष रूप से 8 से 12 वर्ष के बीच के छात्रों को बेहतर ढंग से समझने और जानवरों की सराहना करने में मदद करने के लिए बनाया गया है। इसमें जानवरों के आकर्षक फुटेज के साथ-साथ कार्टून और एक टेक्स्ट पैक के साथ 23 मिनट का वीडियो शामिल है।