विधायक की पिटाई के 2 नए वीडियो आया सामने, पूरी घटना का नया एंगल

Share

बीजेपी सांसद ने विधायक को 4 सेकंड में मारे 7 जूते

मोदी के सांसद का योगी के विधायक पर हमला, वीडियो देखकर लोगों ने कहा ये तो ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ हो गई

नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के कबीरगंज में चल रही एक बैठक में उस वक्त हडकंप मच गया जब माननियों के बीच जमकर जूतमपैजार हो गई। कलेक्ट्रेट में चल रही जिला कार्ययोजना की बैठक में बीजेपी विधायक राकेश सिंह और सांसद शरद त्रिपाठी आपस में ही भिड़ गए। प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन के सामने शुरू हुई बहस कब जंग में बदल गई पता ही नहीं चला। इस दौरान बैठक में कलेक्टर के साथ तमाम अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। शिलान्यास के पत्थर पर नाम न लिखे जाने से सांसद शरद त्रिपाठी इतने नाराज हुए कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायक को 4 सेकंड में 7 जूते मारे।

इन वीडियो में दूसरे एंगल से पूरी घटना का दृश्य लिया गया है। इन दोनों वीडियो से पूरा मामला साफ हो जाता है।

हालांकि वीडियो को गौर से देखने पर पता चला कि बहस के दौरान विधायक राकेश सिंह ने सांसद को जूते से मारने के लिए धमकाया था और धमकाते ही सांसद ने जूतों की बारिश कर दी। विधायक ने पलटवार करने की कोशिश की लेकिन उनके हाथ में जूता नहीं था। बिगडती स्थिति को पुलिस अधिकारियों ने बमुश्किल काबू में किया। मामला मीडिया और उससे पहले सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो गया। नतीजतन इस पूरे मामले की जाँच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शुरू कर दिया है। इधर, कांग्रेस ने इस मामले पर चुटकी ली है। उसका कहना है कि बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है। वहीं बीजेपी विधायक राकेश सिंह के समर्थकों ने डीएम आवास के बाहर प्रदर्शन कर सांसद शरद त्रिपाठी के गिरफ्तारी की मांग की है।

यह भी पढ़ें:   पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन

भाजपा में सबकुछ सामान्य नहीं

चुनाव का दो दिन बाद शंखनाद होने को लेकर अटकलें चल रही है। यानि भाजपा पूरी तरह से चुनावी मोड़ में आने वाली है। राजनीतिक शब्दवाली में कहे तो इस पार्टी को इवेंट के सहारे किला फतेह करना आता है। सभी राजनीतिक पंडितों की नजर उत्तरप्रदेश में ही टिकी है। क्योंकि यहां की हवा ही देश के प्रधानमंत्री का नाम तय करती आई है। इस प्रदेश से पिछले आम चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला था। लेकिन, ताजा हालात बताते है कि भाजपा संगठन के भीतर कुछ तो गड़बड़ है। इस पूरे घटनाक्रम को केंद्र बनाम राज्य की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

Don`t copy text!