Nepal Election News: नेपाल में नागरिकता बिल के सुधार का रास्ता साफ, राष्ट्रपति की जल्द होगी विदाई, भारत के समर्थन में पड़ोसी देश में बनता माहौल, चुनाव में कई बड़े चेहरों को जनता ने किनारे लगाया
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दिल्ली/काठमांडू। नेपाल में 20 नवंबर को चुनाव को लेकर मतदान हुए। इस निर्वाचन में देश के प्रधानमंत्री और सात राज्यों के मुख्यमंत्री का नाम तय होना हैं। नेपाल में मतगणना अभी जारी है। लेकिन, जो शुरूआती रूझान मिल रहे हैं उससे नेपाल (Nepal Election News) में बरगद को दूसरी बार मौका मिलता नजर आ रहा है। वहीं प्रतिस्पर्धा में शामिल सूरज ढ़ल गया है। यह दोनों चुनाव चिन्ह वहां की राजनीतिक पार्टियों के हैं। बरगद कांग्रेस का तो सूरज ऐमाले पार्टी का है। यहां कांग्रेस और ऐमाले गठबंधन चुनाव में उतरा था। रूझानों से साफ है कि नेपाल में केपी शर्मा ओली की चमक जनता के सामने फीकी पड़ गई। वहीं परिणाम से चीन को भी धक्का लगा है। क्योंकि बरगद का साथ भारत की तरफ ज्यादा है।
तीन महीने के भीतर होगा उलटफेर
कई बड़े चेहरों ने किया संघर्ष
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नेपाल में सात नए राज्य प्रदेश 1, 2, 5, बागमति, गंडकी, सुदूर पश्चिम और कर्णाली बनाए गए हैं। यहां दूसरी बार मुख्यमंत्री के चुनाव हो रहे हैं। निर्वाचन आयोग (Nepal Election News) के अनुसार संसद भवन के लिए कांग्रेस 31 सीट जीत चुकी है। वहीं 17 सीट में आगे चल रही है। जबकि उनके गठबंधन में शामिल हंसिया संसद के लिए 8 सीट जीत चुका है। वहीं पांच में आगे चल रहा है। यह मतगणना के परिणाम है। अभी समानुपातिक उम्मीदवारों के लिफाफे खुलना बाकी है। नेपाल में इस बार करीब 61 फीसदी मतदान हुआ। यह प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले कम हैं। इस बार चुनाव में कांग्रेस नेता बल बहादुर केसी (Bal Bahadur KC) अपना चुनाव हार गए। वे पूर्व मंत्री भी थे और सातवीं बार संसद जाने का प्रयास कर रहे थे। इसके अलावा कांग्रेस के कद्दावर नेता गिरजा प्रसाद कोईराला के बेटे शेखर कोईराला (Shekhar Koirala) आगे चल रहे हैं। लेकिन, उनकी बेटी सुजाता कोईराला (Sujata Koirala) जीत के लिए संघर्ष कर रही है। इसी तरह नवल परासी से शशांक कोईराला (Shashank Koirala) चौथी बार सांसद बन गए।