राष्ट्रपति शासन लगाकर लागू कराया जाए नागरिकता कानूनः बीजेपी सांसद

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मध्यप्रदेश के सांसद के बयान के बाद बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

बीजेपी सांसद राव उदय प्रताप सिंह

भोपाल। BJP MP Rao Uday Pratap Says CAA should be implemented by imposing President’s rule  सीएए को लेकर जारी घमासान के बीच बीजेपी सांसद राव उदय प्रताप सिंह (BJP MP Rao Uday Pratap Singh) के बयान ने सनसनी मचा दी है। मध्यप्रदेश की होशंगाबाद-नरसिंहपुर सीट से सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने गैर बीजेपी राज्य सरकारों को भंग करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संसोधन कानून लागू कराने के लिए राष्ट्रपति शासन भी लगाया जाना चाहिए। जिन राज्यों की सरकारे सीएए को लागू करने से इनकार कर रही है, वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए। सनसनीखेज बयान देने वाले सांसद उदय प्रताप सिंह मध्यप्रदेश से हैं, लिहाजा उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे है। राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि नागरिकता कानून का कार्यक्षेत्र केंद्र सरकार के अधीन आता है। राज्य सरकार भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में बंधी हुई है। यदि कोई राज्य संसद से पास बिल को न मानने का निर्णय लेता है तो राष्ट्रपति को दखल देने का अधिकार है, राष्ट्रपति आर्टिकल 356 का इस्तेमाल करते हुए संबंधित राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते है। इस आर्टिकल का उपयोग पहले की सरकारे भी करती आई है। दरअसल मध्यप्रदेश में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है, बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार चल रही है। यहीं वजह है कि आए दिन भाजपा नेता मध्यप्रदेश सरकार गिराने की बात कहते रहते हैं। इस बयान को भी उसी कड़ी में देखा जा रहा है।

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वहीं देशभर में सीएए के विरोध में रैलियां की जा रही है। लोग सड़कों पर उतर रहे है और केंद्र सरकार पर इस कानून को वापस लेने का दवाब बना रहे है। दूसरी तरफ सीएए के समर्थन में भी मुंबई और असम में रैली निकाली गई, इस रैली में भी हजारों लोग शामिल हुए। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए अभियान शुरु किया है। रविवार से भोपाल में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर सीएए का मतलब समझाएंगे। वहीं राजस्थान के जौधपुर में आयोजित सभा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून लागू होगा..सरकार इस फैसले से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि इसे लागू करने के लिए देश में अन्य कानून और नियम बने हुए है। जाहिर है उनका इशारा भी राष्ट्रपति शासन लागू करने की तरफ ही था।

कांग्रेस का पलटवार

लोकतंत्र में जनभावना ही सर्वोपरी है, उसी से संसद बनती है और उसी से विधायिका बनती। जन भावनाओं का अनादर और दमन किसी भी लोकतंत्र में शोभनीय नहीं माना जाता है। इसकी कीमत थोपने वाली सत्ताओं को भुगतना पड़ती है।

भूपेंद्र गुप्ता, उपाध्यक्ष, मीडिया विभाग, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी

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