एडीजी स्तर के एक अधिकारी के थे श्वेता एंड कंपनी से करीबी संबंध
भोपाल। मध्यप्रदेश के सबसे बहुचर्चित मामले (MP Honey Trap Case) में सरकार (MP GOVT) फूंक-फूंककर कदम रख रही है। हनी ट्रैप (Honey Trap) कांड की जांच के लिए बनाई गए एसआईटी को 24 घंटे के अंदर ही बदल दिया गया है। पहले जांच आईजी (CID) डी श्रीनिवास वर्मा को सौंपी गई थी। लेकिन अब एटीएस (ATS) के एडीजी संजीव शमी इस मामले की जांच करेंगे। एसआईटी (SIT) में अचानक हुए बदलाव की वजह 25 वीं बटालियन के कमांडेंट मनोज सिंह बताए जा रहे है।
बता दें कि मनोज सिंह वहीं अधिकारी है जिन्होंने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को गिरफ्तार कर लिया था। मंदसौर में किसानों के उग्र आंदोलन को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की थी। जिसमें 6 किसानों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी किसानों के परिजनों से मिलने मंदसौर पहुंचे थे। जहां तैनात पुलिस अधिकारी मनोज सिंह के नेतृत्व में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
वहीं दूसरी तरफ आईजी(CID) डी श्रीनिवास वर्मा को लेकर भी सरकार असमंजस में थी। लिहाजा जांच संजीव शमी को सौंपी गई। अब एसआईटी में संजीव शमी के अलावा इंदौर की एसएसपी रूचि वर्धन मिश्रा, भोपाल साइबर सेल के एसपी विकास शहवाल, इंदौर साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह, इंदौर क्राइम ब्रांच के एडीशनल एसपी अमरेंद्रर सिंह, भोपाल सीआईडी इंस्पेक्टर नीता चौबे एवं मनोज शर्मा के अलावा पलासिया थाने के प्रभाोरी शशिकांत चौरसिया को शामिल किया गया है। पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि आवश्यकता अनुसार एसआईटी में कुछ अन्य अफसरों को भी शामिल किया जा सकता है।
केवल एक प्रकरण की जांच
पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि एसआईटी इंदौर के थाना पलासिया के अपराध क्रमांक 405/19 धारा 419, 420, 384, 506, 120(बी)और 34 का परिर्वेक्षण करेगी। यह स्पष्ट नहीं है कि एसआईटी मामले की जांच करेगी या सिर्फ निगरानी करेगी। वहीं इस मामले में आरोपियों पर मानव तस्करी की धारा बढ़ाई जा रही है। आरोपी मोनिका यादव से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि श्वेता जैन ने उसे अच्छी नौकरी दिलाने की बात कहकर हनी ट्रैप गैंग में शामिल किया था।
पत्नी प्रताड़ित अधिकारी भी फंसे
हनी ट्रैप मामले में पुलिस के एक आला अधिकारी भी फंसे हुए है। रंगीन मिजाज अधिकारी के श्वेता जैन एंड कंपनी से काफी करीबी संबंध थे। श्वेता जैन इन अधिकारी के दफ्तर भी जाया करती थी। सूत्रों के मुताबिक ये अधिकारी एडीजी स्तर के है। इन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी तलब किया था। इसके बाद पूरी एसआईटी का नया स्वरूप सामने आया है।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
हनी ट्रैप केस को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर की गई है। मांग की गई है कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराई जाए। क्यों कि इस मामले में नेता और अधिकारी शामिल है लिहाजा सरकार इसे दबाने की कोशिश कर रही है। वहीं पूरे मामले का खुलासा करने वाले इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को निलंबित कर दिया गया है।