हाईकोर्ट के आदेश पर मुंबई क्राइम ब्रांच ने दर्ज की थी प्राथमिकी, पवार समेत 70 आरोपी
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही जांच के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है। सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला ( Maharashtra Co-operative bank scam) मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार और 70 से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ जारी जांच को रोका नहीं जा सकता।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 22 अगस्त को अजित पवार समेत 70 लोगों के खिलाफ आदेश सुनाया था। आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका (Special Leave Petitions) दाखिल की थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के एक दिन बाद ही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (Crime Branch) ने घोटाले के संबंध में एफआईआर (FIR) दर्ज की थी। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सुनवाई करते हुए कहा कि घोटाला ( Maharashtra Co-operative bank scam) बहुत बड़ा है, इसकी जांच को रोका नहीं जा सकता। याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि जांच उच्च न्यायालय के आदेश और अवलोकन में निर्बाध रूप से आगे बढ़ेगी
बता दें कि अजित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा शरद पवार के भतीजे है। उनके उत्तराधिकारी भी माने जाते रहे है। ऐसे में अजित पवार पर कसता शिकंजा एनसीपी के लिए घातक हो सकता है।
वहीं कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के संयोजक राज ठाकरे को ईडी ने नोटिस जारी कर तलब किया था। ईडी ने राज ठाकरे को कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में आईएलएंडएफएस द्वारा 450 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण और इक्विटी निवेश से संबंधित कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में तलब किया था।