Image Build Program: माय गवर्मेंट के तत्वाधान में आयोजित हुआ था वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम
दिल्ली। भारत में कोरोना महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की चारों तरफ निंदा की जा रही है। यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ समेत कई अन्य विकासशील देश भारत की स्थिति पर चिंता जता रहे हैं। इधर, देशभर में मौत के आंकड़ों से लेकर अस्पताल की सुविधाओं पर कई राज्यों के हाईकोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगा रहे हैं। विपक्ष भी सरकार पर रणनीति में फैल होने का आरोप लगा रहा है। इस बीच खबर है कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी से बिगड़ी उसकी छवि (Image Build Program) को सुधारने के लिए कई अफसरों को झोंकने जा रहा है। वह भी ऐसे समय में जब देश को निगरानी करने वालें अफसरों की बहुत ज्यादा संख्या में आवश्यकता है।
अफसरों ने किनारा किया, चुप्पी साधी
जानकारी के अनुसार इस वर्चुअल वर्कशॉप का विषय था प्रभावित करने वाला जनसंचार। यह वर्कशॉप माय गर्वमेंट के सीईओ अभिषेक सिंह की निगरानी में आयोजित हुआ था। बैठक में नागरिकों की सहभागिता और उनकी मदद करने का अभियान कार्यक्रम पर भी विचार किया गया। जिससे सरकार की छवि लोगों के बीच सकारात्मक में बने। इस तरह के मरीज जिन्हें सरकारी सुविधाओं से लाभ मिला उन्हें दिखाया जाए। इसके अलावा उनकी स्टोरी को सक्रिय मीडिया हाउस के जरिए प्रचारित कराया जाए। यह वर्चुअल वर्कशॉप लगभग 90 मिनट चली थी। इसमें केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी संबोधित किया था।
यह बोलकर बचते रहे अफसर
जानकारी के अनुसार इस बैठक में 300 अफसर शामिल थे। लगभग हर विभाग के अफसरों की इसमें सहभागिता थी। एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर वर्कशॉप के दौरान दिखाई गई स्लाइड के बारे में भी बताया। इसमें कृषि कानून से संबंधित तीन सुधार वाले बिल के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को रोकने में कामयाब रणनीति के बारे में भी चर्चा हुई थी। इसके अलावा कई कानूनी अड़चनों पर सरकार की तरफ से रखी गई प्रतिक्रियाओं के चलते सकारात्मक छवि बनाने वाली जानकारी दी गई। इस संबंध में हिन्दुस्तान टाईम्स के अंग्रेजी संस्करण में समाचार भी प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि अफसरों से जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने ऐसे किसी वर्कशॉप होने की बात से ही इनकार कर दिया।
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यह भी दिए गए सुझाव
वर्चुअल वर्कशॉप में कई तरह की सलाह अफसरों ने भी दी। जिसके बाद यह कहा गया कि सकारात्मक छवि के लिए प्रेस विज्ञप्ति की बजाय वीडियो और फोटो को ज्यादा प्रसारित किया जाए। वैक्सीन को लेकर दुनिया भर में बन रही छवि को सकारात्मक बनाने के लिए सुझाव दिया गया है कि जिन्हें वैक्सीन लगी है उनकी कहानियां बताकर उसे बांटा जाए। ताकि लोगों में फैल रहे भ्रम को रोका जाए। यह बात भी हिंदुस्तान मीडिया के रिपोर्टर ने एक अफसर के हवाले से बात लिखी है। जिसमें अफसर ने पहचान उजागर न करने की गुजारिश की है। इधर, इस समाचार को कांग्रेस नेता कई माध्यमों से सोशल मीडिया में उसे साझा कर रहे हैं।