MP Honey Trap Case : मंत्री की घबराहट से खुल गया उस रात का राज, एटीएस की रडार में आए 4 पत्रकार

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हनी ट्रैप के बीच अब मनी ट्रैप ने उड़ाई नींद, सीएम हाउस पहुंची रिपोर्ट, कुर्सी जाना तय

Bhopal Honey Trap Case
बाएं और दाएं में श्वेता जैन और बीच में बरखा सोनी

भोपाल। मध्यप्रदेश के अब तक के सबसे सनसनीखेज मामले (MP Honey Trap Case) में हर दिन नए खुलासे हो रहे है। जैसे-जैसे परतें उठ रहीं है, चेहरे साफ होते जा रहे है। दूसरी तरफ अफवाहों का बाजार गर्म है। जितने मुंह उतनी बातों के साथ, बातों में किरदार भी नजर आने लगे है। हालांकि इस सबके बीच द क्राइम इन्फो डॉट कॉम www.thecrimeinfo,com आपके लिए सटीक जानकारी लेकर आया है। पेश है एमपी हनी ट्रैप कांड (Honey Trap) की अगली कड़ी…

भनक से भड़भड़ाए मंत्री, ऐसे खुल गया राज

ये कहानी श्वेता जैन एंड कंपनी से थोड़ी हटकर है, लेकिन इसका कनेक्शन इसी मामले से है। दरअसल जैसे ही मध्यप्रदेश में हनी ट्रैप कांड खुला तो रंगीन मिजाज नेताओं और अफसरों की नींदें उड़ गई। इन्हीं में से एक हैं मध्यप्रदेश सरकार के पॉवरफुल विभाग के मंत्री जी।

दरअसल हनी ट्रैप कांड के भंडाफोड़ से पहले ही मंत्रियों को भनक लग गई थी कि कोई बड़ा खुलासा होने वाला है। इसी भनक ने इन मंत्री जी की नींद उड़ा दी थी। मंत्री को लगा कि आपसी गुटों में बंटी अपनी ही पार्टी के कुछ नेता उन्हें निपटाने में लगे है। लिहाजा उनसे संबंधित सीडी या कांड उजागर हो सकते है। पूरा मामला उन्हें अपने इर्द गिर्द ही घूमता नजर आने लगा था। हालांकि ऐसा था नहीं।

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इसी बौखलाहट ने एटीएस को नया क्लू दे दिया। मंत्री जी ने हाल ही में सीहोर के पास एक पार्टी का आयोजन रखा था। इस पार्टी में 4 पत्रकारों को भी बुलाया गया था। पार्टी इतनी राजदार थी कि चारों पत्रकारों को अलग-अलग गाड़ियों से फंदा नाके तक पहुंचाया गया और उसके बाद वो एक ही गाड़ी में सवार हुए थे। हनी ट्रैप कांड के खुलासे के बाद मंत्री जी को यहीं डर था कि कहीं उस पार्टी का राज न खुल जाए।

इसी डर ने एटीएस को नया राज दे दिया। एटीएस ने उस पार्टी में मौजूद रहे लोगों की पतासाजी करना शुरु कर दी। उसे शक है कि हनीट्रैप मामले में पत्रकारों की भी भूमिका है, लिहाजा 4 पत्रकारों से पूछताछ की गई। हालांकि पत्रकारों से कोई सुराग नहीं मिल सका। लेकिन एटीएस को कुछ पुख्ता सबूत हाथ लग गए, जिन्हें सीएम हाउस तक पहुंचा दिया गया है।

हनीट्रैप में जाएंगी कुर्सियां

इसी बीच एक बार फिर मंत्रीमंडल में बदलाव की खबर भी सामने आ रहीं है। इस कांड के बाद 2 मंत्रियों की कुर्सी खतरें में है। हनी ट्रैप से जुड़ा पूरा मामला मुख्यमंत्री निवास पहुंचा दिया गया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अब इस मामले से जुड़ी सभी एजेंसियां एक-एक कदम सीएम के इशारे पर ही रखेंगी।

टीआई की रवानगी से उठे सवाल

आरोपियों की गिरफ्तारी में सबसे पहली भूमिका निभाने वाले पलासिया थाना टीआई अजीत सिंह बैस को हटा दिया गया है। उनकी जगह शशिकांत चौरसिया टीआई होंगे। अचानक हुआ ये बदलाव कई सवाल खड़े कर रहा है। जांच में तेजी भी इसकी वजह बताई जा रहीं है।

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जिला जेल में रखे गए आरोपी

हनी ट्रैप कांड के 6 आरोपी श्वेता जैन (Shweta Jain) (मिनाल रेसिडेंसी), श्वेता जैन (रिवेयरा टाउन), आरती दयाल, बरखा सोनी, ओमप्रकाश कोरी और मोनिका यादव को जिला जेल में रखा गया है। सभी आरोपियों को सेंट्रल जेल भेजने की बजाए जिला जेल में रखा जाना भी किसी प्लानिंग का हिस्सा नजर आ रहा है।

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