MP Vaccination Program: पत्रकारों के वैक्सीन कैंप में अफरा—तफरी, दूर—दूर तक नहीं दिखी ‘सरकारी उम्मीद’ की व्यवस्थाएं
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज वैक्सीनेशन कार्यक्रम (MP Vaccination Program) से जुड़ी है। इस सरकारी उम्मीद के कथित प्रचार वाले अभियान की पहले ही दिन हवा निकल गई। जगह—जगह अव्यवस्था के साथ हंगामें की खबर मिली। भोपाल के बैरागढ़ इलाके में मंत्री प्रभुराम चौधरी सेंटर में देरी से पहुंचे। उनके आने तक वैक्सीन ही नहीं लगाई गई। इस कारण भीड़ नाराज हो गई। इधर, स्मार्ट सिटी कार्यालय में पत्रकारों के लिए वैक्सीन कैंप लगाया गया था। जिसमें अव्यवस्थाओं के बीच दर्जनों पत्रकार वापस लौट गए। इन सेंटरों के हालात को देखकर कोरोना संक्रमण फिर फैलने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सतना में भी हंगामा
ऐसा नहीं है कि वैक्सीन की समस्या केवल भोपाल में थी। यह हालात लगभग हर जिले में बने हुए थे। सतना में भी वैक्सीन को लेकर शिकायतें आई। प्रत्येक सेंटर में 100 लोगों को वैक्सीन लगाया जा रहा है। इसमें भी टोकन बांटा जा रहा है। यह टोकन कैसे और किन माध्यमों से बांटा गया वह सरकार की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है। इसी बात को लेकर कई जगहों पर विवाद की स्थिति बनी। जिसका जवाब स्वास्थ्य विभाग और प्रबंधन नहीं दे सका। प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम 1 मई से शुरु होना था। यह देरी से शुरु किया गया। उसमें भी कई जगह ऐसे ही गतिरोध बने।
नंबर बढ़ाने के लिए आदेश
इधर, खबर है कि केंद्र सरकार के सामने प्रदेश को कोरोना संक्रमण में बेहतर काम करने वाला राज्य बनाने के इरादे से वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरु किया गया। वह भी बिना योजना और प्रबंधन के यह किया गया। खबर है कि प्रदेश में वैक्सीन की डोज उतनी नहीं है। यह डोज 15 मई से मिलेगी। जिसके बाद प्रदेश में रफ्तार बढ़ेगी। यह बात छुपाते हुए वैक्सीनेशन का सरकारी प्रचार किया गया। हालांकि वैक्सीन को लेकर युवाओं में उत्साह दिखाई दिया। लेकिन, सरकार की तरफ से यह अव्यवस्थाएं रहेगी तो नजरिया बदलते युवाओं को देर नहीं लगेगी। वहीं इन वजहों से प्रशासन और सरकार की छवि भी धूमिल होगी।
नजरिए की कमी
भोपाल स्मार्ट सिटी में दो दिनों से पत्रकारों को वैक्सीन लगाए जा रहे है। यह वैक्सीन टोकन बांटकर लगाए जा रहे है। जिन्हें टोेकन बांटे गए वह रहस्य बने हुए है। राजधानी में लगभग तीन दर्जन से अधिक बड़े मीडिया हाउस है। प्रत्येक मीडिया हाउस में एक हजार से अधिक अधिक पत्रकार और उनके सहयोगी स्टाफ है। वहीं सरकार की मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची में ही तीन सौ से अधिक नाम है। कैंप दो दिनों से लगा है। जिसके प्रभारी जनसंपर्क संचालनालय से अरुण राठौर है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है। इसलिए यह कार्यक्रम आगे जारी रहेगा अथवा नहीं इस पर संशय है। स्मार्ट सिटी वैक्सीनेशन सेंटर में काफी अव्यवस्थाएं थी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने से लेकर कई अन्य बातों को नजर अंदाज किया गया था। जिसको देखकर कई संवेदनशील पत्रकार बिना वैक्सीन कराए भी लौट गए।