विधायकों की कथित खरीद फरोख्त के वीडियो के आधार पर दर्ज किया मामला
नई दिल्ली। उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) के खिलाफ सीबीआई (CBI) ने मामला दर्ज किया है। विधायक खरीद फरोख्त (Horse Trading) के कथित स्टिंग (Sting Operation) के आधार पर सीबीआई ने जांच शुरु की है। ये स्टिंग 2016 में सामने आया था। वीडियो मे रावत ने भाजपा (BJP) में जाने वाले असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए कथित तौर पर पैसा देने की बात की थी। एफआईआर (FIR) दर्ज किए जाने के बाद हरीश रावत की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने सीबीआई को इस मामले में आगे बढ़ाने और रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे
2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के दौरान एक स्टिंग वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में रावत कथित तौर पर पार्टी के नाराज विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहे थे। एक समाचार चैनल ने इस वीडियो को प्रमुखता से दिखाया था। वे उन विधायकों को मनाना चाहते थे जो भाजपा में शामिल हो गए थे।
रावत ने कहा, “मुझे न्यायपालिका और ईश्वर पर भरोसा है। इस मामले में दलबदलुओं और उनके सह-अभिनेताओं की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि देश के न्यायिक इतिहास में यह प्रकरण कई संस्थानों को परखने के लिए होगा।”
फेसबुक पर एक पोस्ट में रावत ने कहा, “समय किसी की आज्ञा को नहीं सुनता और आखिरकार न्याय करता है।” उन्होंने कहा कि वह जांच में हमेशा जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे।
पीसीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि पार्टी हरीश रावत के पीछे चट्टान की तरह खड़ी है। भाजपा पूरे देश में सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस को चुप कराने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं के खिलाफ साजिश रची जा रही है।
स्टिंग मामले में रावत के खिलाफ प्राथमिकी को इस साजिश का हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि तीन साल पहले एक कथित टेप बातचीत में मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त आधार है।
सीबीआई के कदम पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “हमारी सरकार गिर गई, हमारे विधायक खरीदे गए और फिर भी हमारे खिलाफ मामला दर्ज किया गया”।
पूर्व पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि “विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए सीबीआई को एक साधन के रूप में उपयोग करना बहुत निंदनीय था”।