Unnao Rape Case : दोषी Kuldeep Singh Sengar को उम्रकैद, जानें पूरा घटनाक्रम

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भाजपा से निष्कासित नेता और उत्तर प्रदेश के विधायक कुलदीप सेंगर को शुक्रवार को सुनाई गई सजा

BJP MLA Guilty
बलात्कार के दोषी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर

नई दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म मामले (Unnao Rape Case) में भाजपा से निष्कासित नेता और उत्तर प्रदेश के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 17 वर्षीय नाबालिग लड़की से बलात्कार के दोषी सेंगर को शुक्रवार को सजा सुनाई गई। 4 जून 2017 को नाबालिग से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर ने बलात्कार किया था। मामले की शिकायत करने पर तीन अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता पर जानलेवा हमला किया गया। जिसके बाद कुलदीप सेंगर समेत 10 लोगों की झूठी शिकायत पर पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के तहत पुलिस ने गिरफ्तार किया। 8 अप्रैल, 2018 बलात्कार पीड़िता ने पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक आवास के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की। जिसका असर ये हुआ कि 9 अप्रैल को पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत हो गई। जिसके बाद मामला गर्माया तो इलाहबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।  13 अप्रैल को 2018 को कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार किया गया था।

11 जुलाई, 2018: सीबीआई ने बलात्कार मामले में आरोपपत्र दायर किया। 17 जुलाई, 2019 को पीड़िता, उसके परिवार ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखकर सेंगर तथा उसके सहयोगियों से अपनी जान को खतरा होने की बात कही। 28 जुलाई, 2019 को तेज गति से आ रहे ट्रक ने पीड़िता की कार को टक्कर मारी, जिसमें पीड़िता के साथ उसका परिवार और वकील भी थे। घटना में उसकी दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी और वह तथा वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दुर्घटना मामले में रायबरेली में गुरुबक्शगंज थाने में सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखा गया पीड़िता का पत्र प्रकाश में आया।

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31 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने पत्र को गंभीरता से लिया और पीठ के समक्ष इसे पेश करने में देरी को लेकर अपने महासचिव से रिपोर्ट मांगी। एक अगस्त, 2019 को उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार कांड से संबंधित पांच मामलों को सुनवाई के लिए दिल्ली भेजा और निचली अदालत को 45 दिन के अंदर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया। पांच अगस्त, 2019 से दिल्ली की तीस हजारी अदालत में रोजाना आधार पर सुनवाई शुरू हुई।

बलात्कार पीड़िता को विमान से लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर लाया गया। नौ अगस्त, 2019 को अदालत ने सेंगर और सह आरोपी शशि सिंह के खिलाफ बलात्कार मामले में आरोप तय किए। 11 सितंबर, 2019 पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में विशेष अस्थायी अदालत बनाई गई। 25 सितंबर, 2019 को पीड़िता को एम्स से छुट्टी दे दी गई। छह दिसंबर, 2019: बलात्कार पीड़िता निचली अदालत के आदेश पर किराए के घर में आई, जिसकी व्यवस्था दिल्ली महिला आयोग ने की।

10 दिसंबर, 2019 को अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा। 16 दिसंबर, 2019 को दिल्ली की अदालत ने नाबालिग से बलात्कार मामले में सेंगर को दोषी ठहराया। सह आरोपी शशि सिंह को बरी किया। 20 दिसंबर, 2019 को सेंगर को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई और 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

 

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