कोर्ट में याचिका की थी दायर, यूपी सरकार को भी लिखा पत्र
लखनऊ। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) की करतूतों को उजागर करने वाली लॉ की छात्रा (Law Student) पर गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी। छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी चिन्मयानंद (Rape Accused Chinmayanand) ने कोर्ट में याचिका दायर कर छात्रा पर गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) लगाने की मांग की थी। साथ ही छात्रा और तीन अन्य लोगों को उसे ब्लैकमेल (Blackmail) करने की कोशिश के लिए थप्पड़ मारे जाना चाहिए। लेकिन चिन्मयानंद की इस याचिका को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ओमवीर सिंह ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। चिन्मयानंद की वकील पूजा सिंह ने बताया कि कोर्ट ने याचिका को संबंधित अदालत के समक्ष स्थानांतरित करने के निर्देश दिए है।चिन्मयानंद ने राज्य पुलिस प्रमुख को भी एक पत्र भेजा था, जिसमें मांग की गई थी कि महिला और उसके तीन दोस्तों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं आरोप लगाने वाली छात्रा और तीन अन्य के खिलाफ जबरन वसूली के मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में चिन्मयानंद की शिकायत पर उन्हें पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। चिन्मयानंद का आरोप है कि छात्रा और उनके साथियों वीडियो वायरल न करने की एवज में 5 करोड़ रुपए की मांग की थी।
इस बीच, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को चिन्मयानंद के वकील और एसआईटी को कानून की छात्र की जमानत याचिका पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। वकील और विशेष जांच दल को सुनवाई की अगली तारीख 6 नवंबर तक जमानत अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया। चिन्मयानंद पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 सी के तहत मामला दर्ज किया गया है