Hathras Murder Mystery: चैनल का आडियो जारी करके दावा घटना को बदलकर पेश किया गया, घटना के एक आरोपी की तरफ से कंपनी के मैनेजर ने बेकसूर होने का किया दावा, मीडिया को कवरेज करने की दी गई अनुमति
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras Murder Mystery) जिले में दलित परिवार की एक नाबालिग बेटी की हत्या के मामले में शनिवार को नया मोड़ आ गया है। यह मामला शुरु से ही विवादों में रहा है। शनिवार सुबह मीडिया को गांव में कवरेज (Hathras Media Coverage Issue) करने की अनुमति जिला प्रशासन ने दी। जिसके बाद वहां से कई तरह की चौका देने वाली जानकारियां सामने आने लगी। मीडिया से पीड़ित की बातचीत की गई। इस बातचीत में अलग—अलग तरह के तथ्य (Hathras Contradict Evidence) सामने आ रहे हैं। एक तथ्य आरोपियों की तरफ से सामने आया। इसमें कहा गया कि जिस दिन घटना हुई आरोपी वहां था ही नहीं।
सुबह से कारखाने में नौकरी कर रहा था
हाथरस जिले में 14 सितंबर को एक नाबालिग के साथ घटना हुई थी। यह घटना बलात्कार के बाद हत्या के रुप में सामने आई। पुलिस ने भी पुष्टि की थी कि नाबालिग के साथ बलात्कार जैसी घटना ही नहीं हुई। हालांकि उसके बाद प्रशासन ने पीड़ित परिवार के गांव में जाने से मीडिया को रोक दिया। इसी मामले में शामिल आरोपियों में से एक आरोपी रामू प्रायवेट कंपनी में काम करता है। जिसके मैनेजर ने दावा किया है कि घटना वाले दिन रामू सुबह 8 बजे से ही कंपनी में मौजूद था। शिफ्ट मैनेजर मधुसूदन (Madhusudan) बाकी मजदूरों के सामने रामू की 14 और 15 सितंबर में कंपनी में मौजूदगी की बात कही है।
पिता बोले अपराधी है तो गोली मार दो
जिस कंपनी में रामू काम करता हैं वहां के मैनेजर ने बताया फैक्ट्री के इंटरनल व्हाट्सएप ग्रुप में रामू की उस दिन की फोटो भी सार्वजनिक की। रामू मुख्य आरोपी संदीप का चाचा लगता है। रामू के पिता का कहना हे कि उनका बेटा इस मामले में शामिल नही हैं। एक ही परिवार के सदस्य होने के कारण उसे फंसाया जा रहा है। उन्होंने पीड़िता को अपनी बेटी बताते हुए कहा कि अगर उनका बेटा अपराधी साबित हो तो उसे गोली मार दी जाए। उन्होंने कहा पिता होने के नाते वह बेटे की सच्चाई सबको बता रहे हैं। लेकिन, बेटा गैंगरेप मामले में दोषी पाया जाए तो बेटे के साथ उन्हें भी गोली मार दी जाए।
नए—नए हो रहे खुलासे
हाथरस में मीडिया को अनुमति मिलने के बाद कई तरह के भ्रम बन गया है। सच अब तक जनता के लिए पहेली बन गई है। यहां भाजपा—कांग्रेस के नेताओं के पीड़ितों के घर आने—जाने की भी खबर आई। मां ने बयान दिया था कि संदीप ने गला दबाकर मारा था। इस बयान को आधार बनाकर भाजपा ने घटना पर जबरिया राजनीति करने का आरोप लगाया। संदीप की मां ने कहा कि संदीप उसके खेत में सुअर जाने से नाराज होता था। इसी कारण उस दिन विवाद हुआ था। संदीप उसी गांव का रहने वाला है।
इन सवालों पर घिरी सरकार
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ अपनी ही भाजपा पार्टी के निशाने में आ गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, भाजपा सांसद समेत कई अन्य नेताओं ने इस मामले में ट्वीट किया था। नेताओं ने कहा था कि सरकार के फैसले से पार्टी को नुकसान हो रहा है। जिसके बाद योगी सरकार ने मीडिया को अनुमति दी। हालांकि सरकार आधी रात अंत्येष्टि करने पर कोई सफाई नहीं दे सकी है। मामले में ज्यादती के बाद हत्या किए जाने के मामले में कोई ठोस जानकारी मीडिया को नहीं बताई गई थी। सिर्फ प्रशासन और पुलिस के अफसर पीड़ित परिवार के संपर्क में थे।
इससे पहले क्या
घटना के बाद पूरे देश में बलात्कार के बाद हत्या का आरोप लगाकर धरने—प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने हाथरस जाने की कोशिश की थी। जिसके बाद उनके साथ हुई धक्का मुक्की में वह गिर गए थे। मामले के तूल पकड़ने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच पुलिस अफसरों में एसपी विक्रात वीर (Vikrant Veer), सीओ रामशपथ, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा (Dinesh Kumar Verma), एसआई जगवीर सिंह और हवलदार महेश पाल (Mahesh Pal) को सस्पेंड किया गया था। इस घटना में डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार (Pravin Kumar Lakshkar) का वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसमें वह परिजनों को मीडिया के आने—जाने को लेकर चेतावनी दे रहे थे।