Film Article-15 जैसी कहानी, यहां दलितों के बाल नहीं काटते मुसलमान

Share

दलितों ने पुलिस से की शिकायत तो मुसलमानों ने बंद कर दी कटिंग की दुकानें

दलितों को अछूत मानता हैं सलमानी समुदाय, ढाड़ी-कटिंग कराने जाना पड़ता है दूसरे शहर

सलमानी समुदाय की बंद दुकानें

मुरादाबाद। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म आर्टिकल-15 (Film Article-15) तो आपने देखी ही होगी। यदि नहीं देखी तो फिल्म की स्टोरी का सारांश हम आपकों बता देते हैं। इस फिल्म में दलित समाज अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं। इस लड़ाई में वो काम करना बंद कर देते है, जिसके कारण हर जगह गंदगी एकत्रित हो जाती हैं, तरह-तरह के काम प्रभावित होते हैं। द क्राइम इन्फो आपकों इस फिल्म की याद इसलिए दिला रहा हैं। क्यों कि उत्तर  प्रदेश के मुरादाबाद से आई खबर भी कुछ ऐसी ही हैं। यहां एक बार फिर दलित समाज अछूत समझने का रिवाज उभरकर सामने आ गया हैं।

मुरादाबाद के पीपलसाना गांव में रहने वाले दलित समाज का बहिष्कार किया जा रहा हैं। यहां नाई का काम करने वाले मुस्लिम समाज ने दलितों का अपमान शुरु कर दिया है। मुसलमानों में सलमानी समुदाय जिन्हें हजाम कहां जाता है। इन लोगों ने दलितों की हजामत यानि दाढ़ी-कटिंग करना बंद कर दिया हैं। जिसके कारण दलितों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।

पीपलसाना गांव में रहने वाले दलितों एसएसपी मुरादाबाद को पत्र सौंपते हुए इस मामले की जानकारी दी थी। दलितों का कहना है कि सलमानी समुदाय के लोग उन्हें अछूत समझते हैं। ये भेदभाव दशकों से चला आ रहा है लेकिन अब दलित समुदाय ने इसके खिलाफ आवाज उठाने का फैसला कर लिया है।

यह भी पढ़ें:   पत्थर से सिर कुचलकर किशोरी की हत्या

गांव के ही एक युवक का कहना है कि उनके पूर्वजों को बाल कटवाने के लिए भोजपुर या किसी अन्य शहर जाना पड़ता है। क्यों कि सलमानी समुदाय उन्हें छूता भी नहीं है।

वहीं इस मामले में दलित समाज की शिकायत के विरोध में सलमानी समुदाय ने दुकानें बंद रखी। शुक्रवार को किसी ने भी दुकान नहीं खोली। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक का कहना है कि वे इस मामले की जांच कराएंगे। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। लेकिन एएसपी के कहने पर भी तीन दिन से सलमानी समुदाय ने दुकानें नहीं खोली है।

Don`t copy text!