बेटे और उसके दोस्तों ने बाप के कातिल को मारा, घेराबंदी करके दबोचे गए
लखनऊ। देश में न्याय की देरी अब बड़ी समस्या बनती जा रही है। इस कारण लोग कानून की बजाय खुद ही फैसला करने लगे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)के बिजनौर (#Bijnour) जिले से सामने आया है। यहां बिजनौर की सीजेएम कोर्ट (Court Room Shot) में हत्या के आरोपी को तिहाड़ जेल से पेशी पर लाया गया था। उस पर एक व्यक्ति की हत्या का आरोप था। जिस व्यक्ति की हत्या का आरोप था उसका बेटा वहां कोर्ट रूम (Uttar Pradesh Court Room Shot) में पहुंचा। फिर उसने एक—एक करके कई गोलियां पिता के कातिल पर उतार दी। पुलिस ने बीच बचाव करना चाहा। इसमें एक हवलदार भी जख्मी हो गया।
देश के लिए शर्मनाक दिल्ली का निर्भया कांड जिनके दोषियों को फांसी की सजा सुप्रीम कोर्ट दे चुका है। इन चार आरोपियों मुकेश, अक्षय समेत दो अन्य को तख्त पर लटकाने को लेकर तारीख आज—कल हो रही है। इधर, निर्भया जैसा ही एक मामला हैदराबाद में हुआ था। यहां वेटरनरी डॉक्टर दिशा की ज्यादती के बाद पेट्रोल डालकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के कातिलों का उसी जगह पुलिस ने कुछ दिन बाद एनकाउंटर कर दिया था। इसके बाद देश में कानून से न्याय में मिल रही देरी को लेकर बहस छिड़ गई थी। वहीं एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम भी मानवाधिकार समेत कई अन्य कानूनी झमेलों में फंस गई है। इसी बीच एक हैरान करने वाली खबर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से सामने आई है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर सीजेएम कोर्ट (Bijnour Court Attack) में घुसकर तिहाड़ जेल से पेशी पर आए एक हत्या के आरोपी की गोलियों से भूनकर हत्या(#UP Crime) कर दी। उसी दौरान दूसरा हत्या (#UP Murder) का आरोपी भाग निकला।फायरिंग के दौरान पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में बंद कर दिया था। कोर्ट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। गोली लगने से हेड मोहर्रिर व दिल्ली पुलिस का एक सिपाही भी घायल हो गया है। जिसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। इसी साल जून में नजीबाबाद में बसपा नेता अहसान व उनके भांजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में नजीबाबाद के ही शहनवाज व जब्बार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस पर पचास—पचास हजार का इनाम भी रखा गया था। कुछ माह पूर्व दोनों ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया था। दिल्ली पुलिस आज दोनों को पेशी पर लेकर सीजेएम कोर्ट बिजनौर आई थी। दोपहर को दोनों सीजेएम कोर्ट में थे। जब हत्याकांड किया गया उस वक्त जज मौजूद थे और वे नियमित सुनवाई कर रहे थे। घटना के बाद पुलिस ने न्यायालय की सुरक्षा बड़ा दी गई थी।