UP News: दर्जनों महिलाओं ने पहले थाना घेरा फिर सड़क पर उतरे, आंदोलन को दबाने मिल रही धमकियां
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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश (UP News) की पुलिसिंग हमेशा विवादों में रही है। आपको ठांय—ठांय वाली घटना तो याद होगी। अब ताजा एक मामला प्रयागराज से सामने आया है। यहां एक थाने की पुलिस को उसकी ड्यूटी ग्राम प्रधान ने बता दी। इस बात से नाराज पुलिस ने उस पर दंगा कराने का मुकदमा थोप दिया। यह आरोप हम नहीं बल्कि पुलिस की ही एफआईआर में बताई जा रही है। अब इस बात को लेकर पिछले दो दिनों से दर्जनों महिलाओं के साथ सैंकड़ों लोग पुलिस विभाग से आर—पार के मूड में हैं।
पोल खुलती इसलिए कथित विक्षिप्त को छोड़ा
यह पूरा मामला प्रयागराज (Prayagraj Cop News) जिले के तहसील बारा में स्थित थाना बारा के सेहुंड़ गांव का है। यहां के ग्रामीण थाना पुलिस के खिलाफ है, इतना ही नहीं वे सड़कों पर उतरे भी हुए हैं। दरअसल, थाने में 23—24 अगस्त की दरमियानी रात लगभग साढ़े चार बजे एक मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें धारा 147/148/149/332/353/427/506/307/186 (लाठी—डंडों और धारदार हथियारों से लैस होकर, सरकारी कर्मचारी पर हमला, सरकारी काम में बाधा, तोड़फोड़ और लोकसेवक को रोकने) लगाई गई थी। घटना 23 अगस्त की रात लगभग नौ बजे हुई थी। एफआईआर की तहरीर प्रभारी निरीक्षक टीकाराम वर्मा (Inspector Tikaram Verma) के निर्देशन में लिखी गई थी। इस पूरे विवाद की जड़ में एक व्यक्ति है।
क्यों गांव पहुंची थी पुलिस
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जिसको पुलिस ने विक्षिप्त बताकर उसको थाने से छोड़ दिया। यह जानकारी अंकित तिवारी (Ankit Tiwari) को थाना प्रभारी ने दी है। थाना प्रभारी टीकराम वर्मा ने अपनी एफआईआर में बताया है कि वे हमराह एसआई जितेन्द्र प्रताप यादव (SI Jitendra Pratap Yadav), हरनारायण सिंह समेत अन्य के साथ गांव पहुंचे थे। दरअसल, गांव में कुछ दिनों से भैंस चोरी हो रही थी। गांव वालों ने ऐसे ही एक संदिग्ध को दबोच लिया था। ग्रामीणों को शक था कि वह अनजान शख्स वहां गलत इरादे से आया था। इस बात की सूचना ग्रामीणों ने ही डायल—112 में दी थी। जिसके बाद वहां पुलिस का वाहन पहुंचा था। वह वाहन संदिग्ध को अपने साथ लेकर जाने की बजाय ग्राम प्रधान रज्जन कोल (Rajjan Koul) पिता स्वर्गीय अमृतलाल कोल उम्र 50 साल के घर में ही उसको छोड़ दिया।
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गाज गिरने के संकेत
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इसी बात को लेकर विवाद हुआ तो थाना प्रभारी को स्टाफ के साथ आना पड़ा। इस पूरे मामले में पुलिस ने कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई। जिस कारण ग्रामीण आईजी प्रयागराज रेंज के अलावा कई अन्य अफसरों को शिकायत कर चुके हैं। कलेक्टर से निष्पक्ष मांग को लेकर ग्रामीण धरना दे रहे हैं। पुलिस ने मामले को दबाने ग्राम प्रधान रज्जन कोल को जेल भेज दिया। इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान के भाई अर्जुन कुमार कोल, राजू कुशवाहा उर्फ रावेन्द्र, सुरेश वर्मा, श्याम मोहन पाल को भी आरोपी बनाया गया है। ग्राम प्रधान और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोप लगा है कि ग्रामीणों ने थाने में बलवा किया था। बारा इलाका लगभग आदिवासी बेल्ट है।
यहां (UP News) वोट बैंक को लेकर राजनीति तेज हो गई। क्योंकि अगले साल चुनाव होना है और आदिवासी वोट पर विपक्षी नेताओं की सेंधमारी के लिए यह बेहतर मौका थाने ने विपक्ष के हाथों में दे दिया है। हालांकि संकेत मिले हैं कि इस मामले में थाने से कुछ लोगों की रवनागी होने वाली है।
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