Bhopal News: लॉक डाउन के दौरान तीन दिन पहले हुई लूट की वारदात की कड़वी सच्चाई
कल्पना मिश्रा की स्पेशल रिपोर्ट
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज (Bhopal News) पिपलानी इलाके की है। यहां तीन दिन पहले लूट की एक सनसनीखेज वारदात हुई थी। शिकार एक युवती बनी थी जिसने लुटेरे से सीधे आमना—सामना करके उसको भागने के लिए मजबूर कर दिया था। इस घटना का पुलिस ने उसी दिन खुलासा कर दिया था। जिसके बाद द क्राइम इंफो ने मैदानी सच्चाई का पता लगाया। पुलिस कहानी अच्छी तो लगती है पर सच्ची नहीं लगती। वहीं पीड़िता से बातचीत करने के बाद यह अहसास हुआ कि उसको समाज में उसके साहस पर सम्मान मिलना था। लेकिन, इस सम्मान से पुलिस सिस्टम की साख पर सवाल खड़ा होता। इसलिए पुलिस चुप हो गई।
घटना वाले दिन यह था पुलिस का आधिकारिक बयान
पिपलानी थाना पुलिस ने 21 मई की रात लगभग 10 बजे सोशल मीडिया के जरिए पूरी घटना को लेकर अपनी तरफ से जानकारी दी थी। इसमें बताया गया था कि प्रीति उर्फ प्रियंका नागेश्वर सुबह जम्बूरी मैदान में घुम रही थी। तभी एक बदमाश पीछे से स्कूटी लेकर आया। उसने पहले लिफ्ट देने के लिए बोला। इंकार करने पर वह मोबाइल छीनकर भाग गया। पीड़िता ने परिजनों के साथ थाने आकर रिपोर्ट दर्ज कराने आई। पुलिस ने मोबाइल लूट का प्रकरण दर्ज कर लिया। आरोपी के हुलिए और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाश देवेन्द्र अहिरवार पिता हरज्ञान अहिरवार उम्र 32 साल को गिरफ्तार किया गया। आरोपी मूलत: सागर का रहने वाला है।
इसलिए हमने की पड़ताल
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पुलिस ने बताया था कि आरोपी सागर का रहने वाला है। भोपाल में क्या कर रहा था यह नहीं बताया गया। वहीं पुलिस ने मोबाइल लूट का केस दर्ज करने की जानकारी दी। जबकि प्रीति उर्फ प्रियंका नागेश्वर को दोनों हाथों में चाकू लगा था। इस कारण धारा 394 लगाई गई थी। इन सभी बातों को जानने के बाद यह साफ हो गया था कि पुलिस ने घटना को छुपाने के लिए छह घंटे के भीतर लूट का खुलासा करने का दावा किया। हमने सच्चाई का पता लगाने के लिए पीड़िता से संपर्क किया। उसने जो बताया उसे सुनने के बाद लगा कि प्रीति नागेश्वर को उसके साहस का सम्मान मिलना चाहिए।
पत्थर फेंककर मारा
प्रीति ने रिपोर्टर से बातचीत करते हुए कहा कि वह हर रोज मॉर्निंग वॉक के लिए जाती है। जम्बूरी मैदान में उसके जूते का लैस लूज हो गया था। वह जूते का लैस बांध रही थी। तभी पीछे से एक युवक मोपेड सवार आया उसने गर्दन पर चाकू अड़ा दिया। मैंने स्कूल के दिनों में ऐसे हालात पर निपटने के लिए तकनीक सीखी थी। उसको अपनाया और बदमाश से उसका चाकू छुड़ा लिया। बदमाश की नीयत उस वक्त अच्छी नहीं थी। यह भांपते हुए उसको मारने के लिए पत्थर उठा लिया। इस दौरान जेब से उसका मोबाइल गिर गया। जिसको उठाकर बदमाश मोपेड लेकर भागने लगा। फिर भी मैंने पत्थर फेंककर मारा तो वह उसकी स्कूटी पर लगा था।
थाने में चाकू जमा कराया
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प्रीति नागेश्वर फिर घर पहुंची। उसने सारी घटना परिजनों को बताई। घर से उसने अपने मोबाइल पर फोन लगाया। वह फोन बदमाश ने ही उठाया। उसने कहा कि वह थाने जाकर उसके खिलाफ बलात्कार की एफआईआर दर्ज करा दे। वह अनाप—शनाप बोलने लगा। जिसके बाद भाई, मां के साथ वह थाने पहुंची। उसने थाने में पुलिस को आरोपी के हाथों से छीना गया चाकू जमा कराया। संघर्ष के दौरान उसको दोनों हाथों की हथेली में चाकू का वार लग गया था। जिसमें वह जख्मी भी हुई थी। वह भी उसने पुलिस को दिखाए थे। इसके बावजूद पुलिस ने पूरे घटनाक्रम को बेहद सामान्य बनाकर अपनी छह घंटे के भीतर में उपलब्धि बताकर प्रचार किया।
अब आई प्रोत्साहन की याद
सागर के राहतगढ़ का रहने वाला आरोपी देवेन्द्र अहिरवार शादीशुदा है। वह वहां दर्ज मारपीट के एक मामले में फरार चल रहा है। वह फरारी काटने के लिए भोपाल (Bhopal News) आ गया था। आरोपी फिलहाल रैन बसेरा में रहता है। पिपलानी थाना प्रभारी चैन सिंह रघुवंशी ने बताया कि आरोपी देवेन्द्र अहिरवार के खिलाफ पिपलानी थाने में ही आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज है। उन्होंने दावा किया कि पीड़िता को हम सम्मानित करेंगे। यह दावा उन्होंने तब किया जब हमने बताया कि प्रीति का काम साहस भरा था तो पुलिस ने उसको प्रोत्साहित क्यों नहीं किया।