Swami Chinmayanand Case : अखाड़ा परिषद ने किया समर्थन, दुष्कर्म के आरोप को बताया साजिश

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चिन्मयानंद पर अखाड़ा परिषद का यू-टर्न, पहले बताया था शर्मनाक

स्वामी चिन्मयानंद और पीड़िता, फाईल फोटो

हरिद्वार। कानून की एक छात्रा के कथित यौन उत्पीडन के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) के समर्थन में सामने आते हुए साधु संतों की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाडा परिषद (Akhil Bhartiya Akhada Parishad) ने गुरुवार को कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है ।

कनखल स्थित बडा अखाडा में सभी 13 अखाडों की बैठक में साधु—संतों एवं अखाडों के प्रतिनिधियों के सर्वसम्मति से अखाडा परिषद की वर्तमान कार्यकारिणी को पुन: पांच वर्ष के लिये चुने जाने के बाद अखाडा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि (Swami Narendra Giri) ने कहा कि अखाडा परिषद स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand Case) के साथ है ।

महंत नरेंद्र गिरि ने पत्रकारों से कहा, ‘स्वामी चिन्मयानंद के साथ बडी साजिश और षडयंत्र कर उन्हें यौन शोषण मामले में फंसाया गया है । अखाडा परिषद स्वामी चिन्मयानंद के साथ है । ‘ इस मसले पर अखाडा परिषद का यह रूख उसके द्वारा पहले जाहिर किये गये रूख से बिल्कुल उलटा है । इससे पहले, 21 सितंबर को अपने बयान में अखाडा परिषद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर कानून की छात्रा द्वारा लगाये गये आरोपों (Chinmayanand Sex Video) को ‘शर्मनाक’ बताया था ।

बैठक में संतों की लंबे समय से भू समाधि हेतु भूमि देने की मांग भी उठी । संतों ने गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए ब्रहमलीन :दिवंगत: संतों हेतु भू समाधि देने के लिये भूमि की मांग की । यह मामला उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ 12 अक्टूबर को होने वाली बैठक में भी उठने की संभावना है ।

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अखाडा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद के साथ है । उन्होंने आवाहन सहित अन्य अखाडों को कुंभ मेला क्षेत्र में भूमि आवंटित करने की भी मांग की ।उन्होंने बिग बॉस के प्रसारण पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि उसका प्रस्तुतिकरण भारतीय संस्कृति के अनुकूल नहीं है ।

अखाडा परिषद के महामंत्री स्वामी हरि गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला 2021 के स्थायी प्रकृति के कार्यों में कब तेजी आयेगी । उन्होंने उम्मीद जतायी कि मेला प्रशासन, सडकों, पुलों, राष्ट्रीय राजमार्ग आदि के निर्माणों में प्राथमिकता दे ।

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