ढाई साल के दौरान एक करोड़ से अधिक का लेन-देन किया नौकरानी और सहयोगी के जरिए, सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने चैन्नई में दर्ज किया मामला
चैन्नई। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आय से अधिक (ECONOMIC OFFENSE) के एक मामले में प्रकरण दर्ज किया है। यह मामला चैन्नई स्थित शास्त्री भवन के पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) से जुड़ा हैं। प्रकरण लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक का है। जिसमें संगठन के ज्वाइंट चीफ कंट्रोलर ने अपनी नौकरानी के जरिए करोड़ों रुपए कमाए और निवेश किए।
ऐसे सामने आया मामला
विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिली थी कि ज्वाइंट चीफ कंट्रोलर अशोक कुमार यादव के पास (ECONOMIC OFFENSE) आय से अधिक संपत्ति हैं। उन्होंने पैसा कमाने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान कई विवादित निर्णय भी लिए। जिसकी जांच करते हुए 12 अगस्त, 2015 से अप्रैल, 2018 के बीच लिए गए फैसलों की बारीकी से पड़ताल की गई। प्राथमिक जांच में ही सामने आया कि उनकी नौकरानी सरिता की संपत्ति में 98 लाख, 89 हजार थी। ज्ञात सौर्स से आय के मुकाबले तीन गुना (ECONOMIC OFFENSE) ज्यादा निकली। ज्ञात आय 31 लाख, 76 हजार थी। एजेंट की भूमिका टीवीके कुमारसेन ने निभाई।
यहां से शुरू किया सफर
यादव ने 79 में चंड़ीगढ़ के सेंट्रल साइंस फोरेंसिक साइंस लेब्रोटरी में सांइटिफिक असिस्टेंट के तौर पर काम शुरू किया था। उनकी नियुक्ति प्रमोशन के बाद चैन्नई में 1990 में हुई थी। यादव यहां पर ज्वाइंट चीफ कंट्रोलर बनाए गए थे। अशोक कुमार यादव सस्पेंड होने तक इसी पद पर रहे। अगस्त, 2015 से अप्रैल, 2018 के बीच उन्होंने घोटालों को अंजाम दिया। सीबीआई कार्रवाई के पेसो संगठन ने यादव को (ECONOMIC OFFENSE) सस्पेंड कर दिया है।
ऐसे बड़ी संपत्ति
अशोक कुमार यादव ने अपनी पत्नी पुष्पा यादव के नाम से जयपुर के चित्रकूट वैशाली नगर में 1999 में जमीन पर बना हुआ घर खरीदा। जिसकी कीमत दस्तावेजों में 8 लाख, 65 हजार रुपए से अधिक हैं। एके यादव और पुष्पा यादव के नाम से फ्लैट चंडीगढ़ में खरीदा गया था। यह फ्लैट 18 लाख रुपए (ECONOMIC OFFENSE) का है। चैन्नई के सेंट्रल बैंक अकाउंट के खाते में 2 लाख, 93 हजार से अधिक की रकम जमा पाई गई। इसी तरह नागपुर के स्टेट बैंक के खाते, जयपुर आईसीआईसीआई बैंक में पुष्पा यादव के खाते में और कुडलोर में नौकरानी सरिता के नाम से खाते में मिलाकर कुल 65 हजार रुपए की रकम जमा पाई गई। चैन्नई के घर में 64 हजार रुपए की अचल संपत्ति पाई गई। जयपुर स्थित घर में साढ़े छह लाख रुपए की संपत्ति पाई गई। यह कुल संपत्ति करीब (ECONOMIC OFFENSE) 38 लाख रुपए की पाई गई। नौकरानी सरिता के नाम पर कुडलूर में जमीन दो लाख 35 हजार की पाई गई। उसी इलाके में 36 लाख की एक अन्य जमीन के दस्तावेज मिले हैं। एक अन्य जमीन सरिता के नाम से खरीदी जा रही थी। इस जमीन की कीमत करीब 25 लाख थी। जिसमें से छह लाख रुपए एडवांस में दिए गए थे।
लग्जरी लाइफ जीता था यादव
हुंडई क्रेटा कार लगभग 12 लाख रुपए, इसके अलावा नकदी सवा छह लाख रुपए भी बरामद चैन्नई से किए गए। सरिता के खाते में लगभग सवा छह लाख रुपए जमा किए गए। इनकी रसीदें सीबीआई को मिली है। नौकरानी सरिता के नाम पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में लॉकर था जिसमें 11 लाख (ECONOMIC OFFENSE) रुपए के जेवरात जमा थे। एके यादव के चैन्नई समेत अन्य विभिन्न खातों में भी लगभग तीन लाख रुपए की नकदी मिली है। अन्य अचल संपत्ति भी जब्त की गई है।
यह थी आमदनी
वेतन से उसे लगभग 21 लाख रुपए मिले। एलआईसी के एक खाते से लगभग तीन लाख, पुष्पा की आय इस दौरान लगभग 1 लाख 15 हजार रुपए और बैंक का ब्याज 33 हजार रुपया दर्शाया गया है।
इस दौरान हुआ खर्च
सीबीआई ने जांच में पाया कि यादव के जांच अवधि अगस्त, 15 से अप्रैल, 18 के दौरान हुई आय-व्यय की (ECONOMIC OFFENSE) जांच की गई। इसमें पता चला कि 14 लाख, 11 हजार रुपए के करीब घरेलु व्यय में पैसा खर्च किया गया। इस दौरान लगभग सवा पांच लाख रुपए का किराया भुगतान किया गया। घर के रखरखाव पर एक लाख रुपए भी खर्च किए गए। कार का ब्याज, ईधन और अन्य खर्च पर करीब पांच लाख रुपए खर्च किए गए। जिसमें कि नौकरानी सरिता पर करीब दो लाख रुपए खर्च किया गया। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि यादव की संपत्ति में करीब एक करोड़ रुपए आय से अधिक (ECONOMIC OFFENSE) पाई गई है। जिसका वह कोई ज्ञात स्रोत नहीं बता सके हैं। इस मामले में जांच के दौरान यादव के करीबी टीवीके कुमारसेन के घर से करीब 13 लाख रुपए बरामद हुए। जिसके बारे में सीबीआई को संदेह है कि यह रकम यादव की थी जो उन्होंने कुमारसेन को छुपाने के लिए दी थी।
क्या करती है संस्था
सीबीआई ने जिस ज्वाइंट चीफ कंट्रोलर अशोक कुमार यादव (ECONOMIC OFFENSE) के खिलाफ मामला दर्ज किया है उसका नाम पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) हैं। यह संस्था केन्द्र सरकार के अधीन काम करती है। इस संस्था का उद्देश्य देशभर में पेट्रोलियम पदार्थ, गैस सिलेंडर, सिनेमाटोग्राफ से जुड़े कानूनों का पालन सुनिश्चित कराना होता है। यहां से मिलने वाले सर्टिफिकेट के बाद ही कोई कारोबार किया जा सकता है।