TCI Breaking News: जुमेरात और जुमा के रोज भोपाल में मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें कैमरे में हुई कैद, प्रतिक्रिया मांगने पर कबूला, अफसर बोले सबूत दे दो
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पैसा कमाने के लिए एक खेल (TCI Breaking News) चल रहा है। यह हर सप्ताह दो दिन जुमेरात और जुमा के रोज होता है। मामला बेजुबानों से जुड़ा है। वे अपने खिलाफ हो रही हिंसा का ज्ञापन या शिकायत भी नहीं कर सकते है। जब यह जानकारी जिम्मेदार अफसरों को दी गई तो वे सबूत मांगते रहे। जबकि सिस्टम को निगरानी के लिए सरकार ने तैनात किया है। यह मामला पशु क्रुरता के साथ—साथ तस्करी की श्रेणी में भी आता है।
ऐसे सामने आई बेजुबानो की पूरी घटना
इस मामले की शिकायत तुरंत ही हमारी तरफ से प्रभात चौराहे पर तैनात महिला कांस्टेबल 3562 मंजु रघुवंशी (Constable Manju Raghuvanshi) से भी की गई थी। उन्होंने यह जानकारी अपने अफसरों को देने का बोलकर कोई एक्शन नहीं लिया। जबकि उनके सामने से ही वह यात्री बस गुजर रही थी। दरअसल, सुभाष नगर रेलवे फाटक के नजदीक ओम अस्पताल के समीप यात्री बस एमपी—04—पीए—1662 आकर रुकी। इस बस से दो व्यक्ति उतरे। यह दोनों व्यक्ति बस की पिछली डिग्गी जो महज तीन बाय तीन और लगभग दो फीट गहरी थी उसको खोलने लगे। उसमें से एक—एक करके उन दोनों व्यक्तियों ने पांच बकरे उतारे। यह बकरे काफी बेरहमी से भीतर रखे गए थे। उतनी ही बेरहमी के साथ उतारे भी जा रहे थे। इसी मामले में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि यह काम केवल उक्त बस संचालक ही नहीं दूसरे भी कर रहे हैं। बस संचालक विनोद कुमार देवनानी (Vinod Kumar Devnani) ने ही इस संबंध में कई खुलासे किए। उन्होंने माफी मांगते हुए भविष्य में ऐसा न करने की सलाह दी।
आरटीओ बोले सबूत दो तो होगी कार्रवाई
तारे जा रहे बकरे यात्री बस एमपी—04—पीए—1662 के मालिक विनोद कुमार देवनानी है। उनकी बस बंगरसिया से भोपाल के बीच चलती है। इसमें कई पशुपालक यात्री बसों से ही बकरों को बेचने के लिए भोपाल लाते हैं। यह जानकारी भोपाल आरटीओ संजय तिवारी (Bhopal RTO Sanjay Tiwari) को भी दी गई। उन्होंने कहा कि बस नंबर मुहैया कराने पर वे बस मालिक को नोटिस देंगे। हालांकि यह काफी गैरजिम्मेदाराना बयान है। भोपाल परिवहन महकमे को चाहिए कि वे पशुपालकों के लिए इस रुट पर मवेशियों के परिवहन का इंतजाम कराए। इसके अलावा इस तरह के परिवहन को रोककर राजस्व नुकसान को भी रोका जाए। पशुपालक ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि उनके बकरों को कोई भी लोडिंग वाहन में नहीं रखता है। वाहन चालकों को भय होता है कि रास्ते में रोककर उनसे कार्रवाई के नाम पर पैसा मांगा जाता है।
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