Rajasthan Political Drama: 32 दिनों से चला आ रहा घमासान थमने का संकेत
जयपुर। राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान (Rajasthan Political Drama) के बीच सोमवार को एक नया मोड़ आया है। यहां मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत (CM Ashok Gehlot) की कुर्सी 32 दिनों की खींचतान में उलझी हुई है। राजनीतिक उठापठक के बाद सोमवार को पहली बार सचिन पायलट (Sachin Piolet) की राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका वाड्रा (Priyanka Vadra) से मिले। दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे बातचीत हुई। माना जा रहा है कि इस मुलाकात की पहल आलाकमान की तरफ से हुई थी। इससे सचिन पायलट का पार्टी में वापसी का रास्ता साफ हो सकता है। इस रास्ते के साथ ही राजस्थान का सियासी ड्रामा (Rajasthan Political Drama) थमने के पूरे आसार है।
सत्र से पहले मुलाकात
राजस्थान में 14 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरु होने जा रहा है। इसलिए आलाकमान सचिन पायलट गुट को मनाने की कोशिश में लगा हुआ था। सचिन पायलट गुट के विधायक लगातार कह रहे हैं कि उनका विरोध पार्टी से नहीं है। विरोध मुख्यमंत्री गहलोत से है। कुछ कांग्रेस नेताओं ने न्यूज एजेंसियों को बताया कि सचिन पायलट लगातार आलाकमान के संपर्क में हैं। आलकमान ने कहा है कि राजस्थान समस्या का जल्द ही निपटारा हो जाएगा।
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कार्रवाई चाहता है गहलोत गुट
जैसलमेर मे रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी। जिसमें गहलोत गुट के कुछ विधायक बागी विधायकों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे विधायकों पर आलाकमान को एक्शन लेना चाहिए।
सुलह की यह तीन वजह
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच हो रही सुलह की यह तीन वजह प्रमुख मानी जा रही है। इसमें पहली वजह विधायक-खरीद फरोख्त मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने फाइनल रिपोर्ट सौंप दी है। वहीं दूसरी वजह राष्ट्रद्रोह का मामला हटने से विधायकों को कुछ राहत मिली है। तीसरी वजह इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में संकेत दिए थे कि आलाकमान का फैसला उन्हें मंजूर होगा।
मुख्यमंत्री ने विधायकों को लिखी भावुक चिठ्ठी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सभी दलों के विधायकों को भावुक चिठ्ठी लिखी है। उन्होंने सभी से कहा है कि अपने अंर्तमन से पूछें, वो क्या कहता है उसके हिसाब से निर्णय लें। सरकार गिराने की साजिश का हिस्सा ना बनें। चिठ्ठी लिखने के कुछ ही देर बाद गहलोत जैसलमेर पहुंचे, वहां उनके अलग ही तेवर देखने को मिले। वे कहते है कि भाजपा विधायकों मे फूट पड़ गई है। इसलिए भाजपा अपने विधायकों को बाड़ेबंदी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की पोल खुल गई है वहां हार्स ट्रेडिंग कर रही है।
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