जयपुर से मवेशी खरीदकर हरियाणा ले जा रहा था पहलू खान, करता था किसानी
जयपुर। 1 अप्रैल 2017 को राजस्थान के अलवर में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए पहलू खान के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस ने चार्जशीट में राजस्थान के गोजातीय पशु (वध निषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1995 और नियम, 1995 की धारा 5, 8 और 9 के तहत पहलू खान और उसके बेटे को आरोपी बनाया है। बता दें कि घटना के दो दिन बाद ही पहलू खान की मौत हो गई थी।
जयपुर से मवेशी खरीदकर हरियाणा के नूंह ले जा रहे पहलू खान को कथित गौरक्षकों ने घेर लिया था। भीड़ ने उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान दो दिन में ही पहलू खान की मौत हो गई थी। पहलू खान हरियाणा के किसान थे। वो राजस्थान से मवेशी खरीदकर अपने घर ले जा रहे थे। उनके साथ उनका बेटा भी मौजूद था।
पुलिस ने इस मामले में दो FIR दर्ज की थी। एक FIR पहलू खान की हत्या के मामले में 8 लोगों के ख़िलाफ़ और दूसरी बिना कलेक्टर की अनुमति के मवेशी ले जाने पर पहलू और उसके परिवार के ख़िलाफ़ हुई थी। जबकि पहलू खान के बेटे का कहना है कि उनके पास जरूरी दस्तावेज थे, जो हमला करने वाले गुंडों ने फाड़ दिए थे। दूसरे मामले में पहलू ख़ान और उसके दो बेटों के ख़िलाफ़ अब चार्जशीट दाख़िल की गई है। पहलू ख़ान की मौत हो चुकी है ऐसे में उनके ख़िलाफ़ तो केस बंद हो जाएगा, लेकिन उनके बेटों के ख़िलाफ़ केस चलेगा।
वहीं पहले मामले में 8 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में सभी को जमानत मिल चुकी है। पहलू खान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद सियासत तेज हो गई है। भाजपा विधायक ने मृतक व उनके परिवार पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए है।
भाजपा विधायक ज्ञान देव आहूजा का कहना है कि-
“पहलु खान, उनके भाई और बेटे आदतन अपराधी थे और लगातार गौ तस्करी में शामिल थे। गौ रक्षक और हिंदू परिषद के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत थे, उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य की कांग्रेस सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब कांग्रेस श्रेय चाहती है लेकिन उसने आर्थिक सहायता की पेशकश की है।
भाजपा सरकार ने कराई थी जांच- गहलोत
वहीं इस मामले में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान भी सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि- पहलू खान के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। इस मामले की जांच पूर्व में भाजपा सरकार के दौरान की गई थी और आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था। अगर जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाएगी तो मामले की दोबारा जांच होगी।