Social Structure: कुत्ते के लिए पंचायत की मदद से पुलिस ने लगाई अदालत

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एक जानवर के दो मालिकाना हक का विवाद पीपल के पेड़ की कसम खिलाने के बाद निपटाया गया

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लेब्राडार डॉग की सांकेतिक तस्वीर

चंड़ीगढ़। आपने अदालतों में भारत के प्रमुख ग्रंथ गीता (Geeta) की कसम खाते हुए फिल्मों में देखा होगा। लेकिन, हरियाणा (Haryana) के फतेहाबाद (Fatehabad) जिले में पीपल के पेड़ (Tree) की कसम दिलाई गई। हालांकि मामला अदालत का नहीं था। यहां पुलिस ने पंचायत की मदद से गांव में अदालत लगाई थी। यह अदालत बेजुबान कुत्ते (Lebrador Dog) के लगाई गई थी। दरअसल, उस कुत्ते के दो मालिक पुलिस के सामने पहुंच गए थे।

पुलिस के सामने मुश्किल उस वक्त खड़ी हो गई जब कुत्ता दोनों मालिकाना हक जता रहे लोगों को देखकर घबराया नहीं बल्कि उनके साथ पारि​वारिक आचरण करने लगा। मामला का हल निकालने के लिए पुलिस ने पंचायत की मदद ली। दोनों मालिकों को पंचायत के सामने बुलाया गया। जन अदालत पीपल के पेड़ के नीचे लगी थी। यह पूरी कवायद सिटी थाने के प्रभारी यादवेद्र सिंह (Yadvendra Singh) के सामने की गई। जब कुत्ते के आचरण से पुलिस को केस निपटाने में सफलता नहीं मिली तो पुरानी तकनीक अपनाई गई। जिसके लिए पंचायत ने भी मंजूरी दे दी।

कुत्ते के मालिक होने का दावा करने वाले व्यक्ति अनिल कुमार (Anil Kumar) और प्रवीण थे। कुत्ता स्वयं का होने का दावा अनिल ने थाने पहुंचकर किया था। उन्होंने यह आरोप प्रवीण पर लगाया था। प्रवीण का कहना था कि यह कुत्ता उसका है जो आठ महीने पहले चोरी हो गया था। कुत्ता वही है बोलकर प्रवीण (Pravin) उस पर अपना दावा जता रहे थे। इसके बाद अनिल ने पंचायत के सामने शर्त रख दी। उसने कहा कि यदि प्रवीण पीपल के पेड़ की कसम खाकर यह बात बोलता है तो वह कुत्ते पर अपना दावा छोड़ देगा। इसके बाद प्रवीण ने पीपल के पेड़ को छूकर कसम खा ली। इसके बाद पंचायत ने भी कुत्ता उसको ही सौंप दिया। हालांकि यह पूरी घटना और वाक्या सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद सिटी थाना और उसकी पूरी कार्रवाई वायरल हो गई। कुत्ता लेब्राडार डॉग (Lebrador Dog) नस्ल का काले रंग का था।

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