मशीन ने तुरंत पकड़ ली पुलिसवाले की होशियारी, 30 पुलिसकर्मियों का हुआ था डोप टेस्ट
अमृतसर। पंजाब में नशे के कारोबार को खत्म करते-करते पुलिसकर्मी ही नशेलची बन गए। जिन जवानों पर लोगों को नशे से दूर रखने की जिम्मेदारी है, वहीं अब ड्रग्स के बिना जी नहीं सकते। विभाग में नशे में डूबे पुलिसकर्मियों की संख्या का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 30 पुलिसकर्मियों के डोप टेस्ट (Dope Test) में 15 फेल हो गए है। यानि 50 फीसदी पुलिसकर्मी नशे के आदि हो चुके है।
अमृतसर (Amritsar) (ग्रामीण) एसएसपी विक्रमजीत सिहं दुग्गल की मुहीम पर 100 पुलिसकर्मियों को चिन्हित किया गया था। इनमें से 30 का मेडिकल कॉलेज में डोप टेस्ट कराया गया। गुरुवार को आई रिपोर्ट में 15 पुलिसकर्मी फेल हो गए है। उनकी डोप टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके बाद उन्हें सरकारी हॉस्पिटल में स्थित स्वामी विवेकानंद नशामुक्ति केंद्र भेज दिया गया है।
वहीं एक हेड कांस्टेबल ने जांच से बचने के लिए तरकीब लगाई। हेड कांस्टेबल कुलविंदर सिंह ने अपनी पत्नी की यूरिन का सैंपल जमा करा दिया। लेकिन मशीन ने उसकी चालाकी पकड़ ली। दरअसल जांच केंद्र पर सभी पुलिसकर्मियों को अपनी यूरिन का सैंपल जमा कराना था। कुलविंदर सिंह जानता था कि उसकी यूरिन की जांच की गई तो वो पकड़ा जाएगा।
लिहाजा कुलविंदर घर से एक डिब्बी में अपनी पत्नी का यूरिन सैंपल लेकर जांच केंद्र पहुंचा था। जब डॉक्टर ने उसे सैंपल लाने के लिए टॉयलेट भेजा तो उसने घर से लाए हुए सैंपल को ही जमा करा दिया। लेकिन उसकी ये तरकीब काम नहीं आई। घर से लाया हुआ यूरिन सैंपल ठंडा था। लिहाजा मशीन ने तुरंत पकड़ लिया। जिसके बाद डॉक्टर ने इस मामले की शिकायत पर एसएसपी विक्रमजीत सिंह दुग्गल ने कुलविंदर को सस्पेंड कर दिया है।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नशे के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आने का दावा किया जा रहा था। लेकिन इस खुलासे ने दावों की पोल खोल दी है।